कोविड-19 महामारी के कारण सिर्फ लोगों की जान पर ही खतरा नहीं बन पड़ा है, बल्कि इसकी वजह से उद्योगों पर आर्थिक संकट पैदा हो गया है। अकेले पर्यटन उद्योग (टूरिज्म एंड ट्रैवल इंडस्ट्री) पर ही हजारों करोड़ रुपए का नुकसान होने की आशंका है। वहीं इस उद्योग से जुड़े करीब 3.8 करोड़ लोगों की नौकरियां जाने की आशंका भी गहरा गई है। एक रेटिंग एजेंसी के मुातबिक, भारतीय पर्यटन उद्योग को इस कैलेंडर वर्ष में 1.25 ट्रिलियन (125000 करोड़) रुपए का नुकसान होने की आशंका है। कोरोनावायरस के शुरू होने के बाद से होटल बंद हैं और फ्लाइट कैंसल (रद्द) हैं।

केयर रेटिंग्स की स्टडी में कहा गया है कि यह आंकड़ा पिछले कैलेंडर (2019) वर्ष में पर्यटन उद्योग से प्राप्त राजस्व का 40 फीसदी है। यानी पिछले कैलेंडर वर्ष के मुकाबले इस साल राजस्व में 40% हानि की आशंका जताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जनवरी और फरवरी के दौरान पर्यटन उद्योग पर महामारी का असर सिर्फ 50 फीसदी ही था, जबकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द होने के बाद मार्च में यह आंकड़ा 70 प्रतिशत से अधिक हो गया है। वहीं, अप्रैल से जून के दौरान, भारतीय पर्यटन उद्योग को 69,400 करोड़ रुपए के राजस्व की हानि की आशंका जताई गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है, हम उम्मीद करते हैं कि H2 2020 (दूसरी छमाही) के दौरान वायरस का प्रभाव कम हो जाएगा। ऐसे में एफटीए (विदेशी मुद्रा आय) लगभग 50 फीसदी (करीब 56,150 करोड़ रुपये) ही प्रभावित होगा। बता दें कि 2019 की दूसरी छमाही के दौरान पर्यटन उद्योग से 112,3000 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई थी। भारत में ग्रीष्मकालीन अवकाश की अधिकांश बुकिंग (केरल, राजस्थान और गोवा के राज्यों के लिए) रद्द कर दी गई हैं। इससे घरेलू पर्यटन पर भी 40 से 50 फीसदी तक असर पड़ा है।

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वहीं, वित्तीय सेवाओं और व्यापार सलाहकार फर्म केपीएमजी (KPMG) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 के कारण भारतीय पर्यटन और होटल इंडस्ट्री में लगभग 3.8 करोड़ लोगों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। यह संख्या कुल कर्मचारियों की 70% है। विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद के मुताबिक, भारत में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में 9 करोड़ (गोवा की आबादी का करीब छह गुना) लोगों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है।