खेल जगत में नाम कमाने के बाद हरियाणा के खिलाड़ियों को राजनीति आकर्षित तो करती है, लेकिन यहां सफलता पाना उनके लिए आसान नहीं रहा है। प्रदेश की राजनीति में कई खिलाड़ी प्रवेश कर चुके हैं लेकिन गिनती के ही अच्छे नेता बनकर टिक सके हैं। अतीत में अब तक उतरे इन खिलाड़ियों के लिए राजनीति की राह आसान नहीं रही है। इस बार के चुनावी रण में एक बार फिर से खिलाड़ी उतर चुके हैं। हरियाणा के चुनावी मैदान में साल 2019 की तरह इस बार भी कुछ खिलाड़ी उतरे हैं। भाजपा की ओर से जारी की गईं सूचियों में महम से कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा का नाम है। वहीं, कांग्रेस ने पहलवान विनेश फोगाट को जुलाना से मैदान में उतारा है। इसके अलावा पहलवान योगेश्वर दत्त और महिला मुक्केबाज स्वीटी बूरा ने भी दावेदारी की थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। हरियाणा में खिलाड़ियों के लिए राजनीति की राह बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है।
2019 में बबीता फोगाट, योगेश्वर दत्त और हाकी खिलाड़ी संदीप सिंह उतरे थे
2019 में भाजपा की टिकट पर पहलवान बबीता फोगाट, पहलवान योगेश्वर दत्त और हाकी खिलाड़ी संदीप सिंह चुनावी मैदान में थे, लेकिन तीनों में से केवल संदीप सिंह को ही जीत मिली। ये तीनों खिलाड़ी 21 अक्तूबर 2019 को हुए चुनाव से कुछ ही हफ्ते पहले भाजपा में शामिल हुए थे। इसके बाद भाजपा ने इन्हें टिकट दी। योगेश्वर दत्त ने सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। वह कांग्रेस उम्मीदवार श्रीकृष्ण हुड्डा से 4,840 मतों के अंतर से हार गए थे।
बबीता ने चरखी दादरी से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन वे निर्दलीय उम्मीदवार सोमवीर सांगवान से 14 हजार 272 मतों के अंतर से हार गई थी। संदीप सिंह ने कुरुक्षेत्र जिले की पिहोवा सीट से कांग्रेस के मंदीप सिंह को 5,314 मतों से हराया था। जीत के बाद उन्हें खट्टर सरकार में खेल मंत्री बनाया गया था। बाद में संदीप सिंह महिला खेल प्रशिक्षक से छेड़छाड़ को लेकर विवादों में फंस गए और उन्हें खेल मंत्री का पद से इस्तीफा देना पड़ा।
विजेंद्र सिंह भी हरियाणा व दिल्ली की राजनीति कर चुके हैं लेकिन उन्हें भी राजनीति रास नहीं आई। इस बार अब तक जारी हुईं सूचियों के अनुसार कांग्रेस ने विनेश फोगाट को जुलाना से उम्मीदवार बनाया है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा महम हलके से उतारे गए दीपक राम निवास हुड्डा एक पेशेवर भारतीय कबड्डी खिलाड़ी हैं जो मैदान पर अपने बेहतरीन कौशल और ताकत के लिए जाने जाते हैं। उन्हें प्यार से डुबकी किंग कहा जाता है। दीपक भारत की राष्ट्रीय कबड्डी टीम की कप्तानी संभाल चुके हैं। वे 2016 दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। उन्होंने प्रो कबड्डी लीग के सभी सीजन में भी हिस्सा लिया है। अटेली से भाजपा उम्मीदवार आरती राव भी निशानेबाज रह चुकी हैं। अभी भी वे शौकिया तौर पर निशानेबाजी करती हैं।
दंगल गर्ल बबीता फोगाट 2019 में राजनीतिक अखाड़े में उतरीं। भाजपा ने उन्हें दादरी से चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन जीत नहीं पाईं। पहलवान योगेश्वर दत्त कुश्ती का अखाड़ा छोड़कर सियासी दंगल में कूदे। 2019 में भाजपा ने उन्हें बरौदा विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन श्रीकृष्ण हुड्डा से उन्हें चुनावी रण में पटखनी दी। इसके बाद श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के बाद 2020 में उपचुनाव हुआ तो फिर पार्टी ने उन भरोसा जताया, लेकिन तब वे कांग्रेस के इंदूराज भालू से चित हो गए। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष रहे रणबीर महेंद्रा सियासी पिच पर कमाल नहीं दिखा पाए। पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के बेटे रणबीर महेंद्रा ने राजनीति में प्रवेश किया और एक बार विधायक भी चुने गए।