केंद्र सरकार के ​कृषि संबंधी तीन विधेयकों पर विपक्ष के दावे और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के मुद्दे पर पनपी गलतफहमियां दूर करने के लिए BJP ने किसानों तक पहुंचने की बड़ी योजना बनाई है। कृषि बिलों (Farm Bills/Agruculture Bills) पर बढ़ते विरोध को दबाने के लिए BJP की ओर से पार्टी नेताओं को निर्देश दे दिए गए हैं।

सोमवार को भाजपा ने इसके लिए अभियान का आगाज भी कर दिया, जिसमें वह विपक्ष के दावे – ‘ये बिल किसान विरोधी हैं’ – का जवाब देगी। इसी बीच, बीजेपी के संसदीय सचिव ने सांसदों को बिलों से जुड़ी प्रचार सामग्री भी सौंपी। सूत्रों ने ‘The Indian Express’ को बताया कि सभी पार्टी नेताओं (मंत्री भी शामिल) को कहा गया है कि वह इन बिल पर जानकारी देने के लिए टि्वटर का इस्तेमाल करें।

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) शासित राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ बात की। तोमर ने इस दौरान उन्हें दो कृषि बिलों के फायदे बताए। साथ ही उन्होंने पंजाब, हरियाणा और आस-पास के सूबों के सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों के साथ कई बैठकें की हैं। सूत्रों की मानें तो तोमर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पदाधिकारियों से भी विधेयकों के संबंध में संपर्क किया है।

‘रबी की 6 फसलों के लिए घोषित MSP अपर्याप्त’: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में की गई प्रति क्विंटल 50 रूपये की वृद्धि को खारिज कर दिया। बादल ने इस वृद्धि को यह कहते हुए ‘बिल्कुल अपर्याप्त’ करार दिया कि यह अपनी उपज के उचित मूल्य के लिये पहले से संघर्ष कर रहे किसानों के लिए ‘बड़ी निराशा’ के रूप में सामने आया है। शिअद प्रमुख ने कहा कि केंद्र द्वारा अन्य फसलों के लिए घोषित न्यूतनम समर्थन मूल्य इन फसलों की खरीद के पक्के आश्वासन के अभाव में ‘बेमतलब‘ हैं।

क्या बोलीं मंत्री पद छोड़ने वालीं हरसिमरत?: इस बीच, केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद पार्टी की नेता हरसिमरत कौर ने सोमवार को कहा कि पंजाब में किसान भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा खरीद नहीं किये जाने के कारण अपना कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम में बेचने को बाध्य हैं। उधर, बादल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला और उसने उनसे ‘ससंद से जबरन पारित कराये गये विधेयकों को’ मंजूरी नहीं देने की अपील की।

सरकार ने गेहूं का MSP 50 रुपए बढ़ा किया 1,975 रुपए प्रति कुंटलः सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 50 रुपये प्रति कुंटल बढ़ाकर 1,975 रुपये प्रति कुंटल कर दिया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) की व्यवस्था बनी रहेगी, सरकारी खरीद होती रहेगी और इसके साथ किसान जहां चाहें अपने उत्पाद बेच सकेंगे।’’

बहरहाल, तोमर ने कहा कि रबी मौसम के लिये चने की एमएसपी में 225 रूपये प्रति कुंटल की वृद्धि की गई है और यह बढ़कर 5,100 रूपये प्रति कुंटल हो गई है। मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 300 रूपये प्रति कुंटल बढ़ाया गया है और यह 5,100 रूपये प्रति कुंटल हो गया है। उन्होंने बताया कि सरसों के एमएसपी में 225 रूपये प्रति कुंटल की वृद्धि की गई है और यह बढ़कर 4,650 रूपये प्रति कुंटल हो गई है। जौ के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 75 रूपये की वृद्धि के बाद यह 1,600 रूपये प्रति कुंटल और कुसुम के एमएसपी में 112 रूपये प्रति कुंटल की वृद्धि के साथ यह 5,327 रूपये प्रति कुंटल हो गई है।

‘केंद्र ने किसानों को उनकी उपज से अधिकतम लाभ दिलाने पर दिया जोर’: जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में ‘उत्पादन केंद्रित’ नीति से ‘लाभ केंद्रित’ दिशा की ओर बढ़ी है, ताकि किसानों को उनकी उपज का अधिकतम लाभ मिल सके। भारतीय जनता पार्टी की किसान शाखा का महासचिव पद भी संभाल रहे शेखावत ने कहा कि मोदी सरकार ने न केवल यह ​सुनिश्चित किया कि किसानों की उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि हो, बल्कि कृषि उपज की खरीद में भी महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी हुयी है।

दोनों सदनों में पास हो चुके हैं दो बिलः कृषि संबंधी दो बिल संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में पारित हो चुके हैं। विपक्षी कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक एवं वाम दलों ने विधेयकों का विरोध किया है। इन विधेयकों का विरोध कुछ किसान संगठन भी कर रहे हैं। बिलों के विरोध में भाजपा के पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से बृहस्पतिवार को इस्तीफा दे दिया था। (भाषा इनपुट्स के साथ)