Digvijay Singh Interview: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शनिवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक से ठीक पहले एक पोस्ट के जरिए विवाद खड़ा कर दिया। इस पोस्ट में उन्होंने भाजपा-आरएसएस की संगठनात्मक शक्ति और नरेंद्र मोदी के एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता से प्रधानमंत्री बनने तक के सफर की प्रशंसा की। उन्होंने कांग्रेस के पुनरुद्धार के लिए सुधारों और सत्ता के “विकेंद्रीकरण” की भी मांग की थी।
दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के संगठन में बड़ा बदलाव की बात बंद कमरे में नहीं बल्कि सार्वजनिक तौर पर की थी, जिसके चलते सियासी पारा काफी चढ़ गया था। अब उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को इंटरव्यू दिया और पार्टी के नेतृत्व के मुद्दे पर खुलकर बात की है।
बीजेपी-आरएसएस की तारीफ और विवाद
बीजेपी-आरएसएस की तारीफ को लेकर उठे विवाद को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे नहीं पता क्यों विवाद हो गया। उन्होंने कहा, “क्योंकि यह एक बहुत ही दुर्लभ तस्वीर है जो मुझे Quora पर मिली, और मैंने कहा कि यह एक ऐसी उल्लेखनीय तस्वीर है जिसमें वे (नरेंद्र मोदी) लाल कृष्ण आडवाणी जी के चरणों में जमीन पर बैठे हैं, और फिर वे भारत के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनते हैं। यही इस संगठन की ताकत है, वरना नरेंद्र मोदी क्या थे?” दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये बाते उन्होंने राहुल गांधी के लिए नहीं कही है। जब मेरे पास राहुल गांधी को सीधे बताने का विकल्प है, तो मुझे पोस्ट के माध्यम से उन्हें यह बताने की क्या आवश्यकता है?
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संगठन सृजन के सुझाव पर क्या कहा?
दिग्विजय सिंह ने कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्टी के संगठन को लेकर राहुल गांधी से संगठन सृजन की बात कही थी। इसको लेकर अब सवाल पूछा गया तो दिग्विजय सिंह ने कहा कि राहुल ने प्रयास किया है। संगठन सृजन में वे डीसीसी अध्यक्षों की नियुक्ति करने में सफल रहे हैं, सभी रिक्त पद भर दिए गए हैं और अब अंतिम मतदान केंद्र तक प्रक्रिया पूरी करने की शुरुआत हो गई है। यह निर्धारित समय के भीतर हो जाएगा। राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल दोनों ने आश्वासन और विस्तृत जानकारी दी है। हमें पूरी उम्मीद है कि यह कार्य पूरा हो जाएगा।
कांग्रेस का बीजेपी-आरएसएस से कोई लेना-देना नहीं
इस दौरान ही दिग्विजय सिंह से पूछा गया कि क्या आज की पोस्ट कांग्रेस नेतृत्व को कुछ भी नहीं बता रही थीं? तो इस पर उन्होंने कहा कि नहीं नहीं… बिलकुल नहीं। जब अगले एक घंटे में कांग्रेस की कार्यकारी समिति की बैठक होने वाली है, तो मुझे यह क्यों करना चाहिए? वहीं ये भी पूछ गया कि CWC से पहले बीजेपी आरएसएस का पोस्ट क्यों किया गया तो उन्होंने कहा कि इनका आपस में कोई लेना-देना नहीं है।
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क्या कांग्रेस को बीजेपी-आरएसएस से कुछ सीखना चाहिए
दिग्विजय सिंह से इस दौरान यह भी पूछा गया कि कांग्रेस को भी क्या बीजेपी आरएसएस संगठन से कुछ सीखना चाहिए, तो इस सवाल के जवाब दिग्विजय सिंह ने कहा कि असल मुद्दा यह है कि कांग्रेस एक आंदोलनकारी पार्टी है, हमारा स्वतंत्रता संग्राम सबसे बड़े आंदोलनों में से एक था जिसने प्रेम, करुणा, सत्य और अहिंसा पर आधारित संघर्ष के माध्यम से हमें स्वतंत्रता दिलाई।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि ऐसा और किस देश ने किया है? महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना आजाद साहब… ये महान व्यक्तित्व और निश्चित रूप से सैकड़ों-हजारों कार्यकर्ता और लोग जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम, जलियांवाला बाग और अन्य घटनाओं में अपने प्राणों की आहुति दी। यह इतिहास है कि हमने बिना एक भी गोली चलाए, केवल अहिंसक साधनों से स्वतंत्रता प्राप्त की। यही महात्मा गांधी की शक्ति है।
कांग्रेस संगठन को लेकर क्या कहा?
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मूल रूप से मैं हमेशा से विकेंद्रीकरण का समर्थक रहा हूं। यदि आप मेरा कार्यकाल देखें, तो सत्ता का विकेंद्रीकरण मेरी पहचान रही है। इसलिए मैं विकेंद्रीकरण में पूरी तरह विश्वास रखता हूं। कांग्रेस के संगठन को लेकर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने यह अधिकार अब जिलों को दे दिया है। फिर इसे निचले स्तर तक ले जाना होगा – ब्लॉक, मंडल, मतदान केंद्र, गांव, मोहल्ला, हमें इसे सबसे निचले स्तर तक ले जाना होगा।
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