6th Pay Commission News in Hindi: Coronavirus/COVID-19 संकट के बीच देश की राजधानी नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का नर्सिंग यूनियन सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया है। कड़ाके की ठंड के बीच यूनियन के सदस्य काम छोड़ अस्पताल परिसर में मांगों को लेकर बैठ गए हैं। बताया जा रहा है कि 6th Pay Commission समेत अन्य मांगों को लेकर करीब 3000 नर्स बेमियादी हड़ताल पर हैं। ऐसे में इलाज पर प्रभाव पड़ रहा है।
AIIMS के नर्सिंग प्रेसिडेंट हरीश कुमार काजला ने एक हिंदी चैनल को बताया, “देश के लोग जब कोरोना से बचने के लिए घरों में छिप रहे थे, तब एम्स के नर्स अपने घर-बार की चिंता छोड़ सेवा में दिन-रात जुटे थे। इसी बीच, एम्स प्रशासन और स्वास्थ्य मंत्रालय हमारी मांगों को चुपचाप नकारता जा रहा था। हमें इस बारे में पता लगा, तो हमने इन्हें नोटिस दिया। बताया कि 16 तारीख से हम हड़ताल पर जाएंगे।”
यूनियन के अध्यक्ष ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, हम अस्पताल प्रशासन से बातचीत को राजी हैं। हमें इस वक्त मरीजों के लिए बेहद बुरा लग रहा है, पर हम भी मजबूर हैं। अभी तक हमारी मांगें नहीं मानी गई हैं। हमने एक महीने पहले हड़ताल के बारे में सूचित कर दिया था, फिर भी प्रशासन ने हमारी न सुनी।
वहीं, नर्सिंग अधिकारी अनिल कुमार ने बताया- हमने एम्स प्रशासन को एक महीने पहले से नोटिस दिया हुआ है, फिर भी हमें मिलने के लिए नहीं बुलाया गया। हमसे बात करने की भी कोशिश नहीं की और मंत्रालय के द्वारा डराया-धमकाया जा रहा है। हमारे पास इसके (हड़ताल) अलावा कोई विकल्प नहीं है।
हालांकि, एम्स निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने कहा कि नर्सों की अधिकतर मांगें मान ली गई हैं, जबकि यह समय हड़ताल का नहीं है। उन्होंने नर्सों से ऐसा न करने की अपील की है। वे फौरन काम पर लौटें।
#WATCH Members of AIIMS Nurses Union in Delhi sit on an indefinite strike over redressal of their demands, including that related to 6th Central Pay Commission pic.twitter.com/pHG1k3vVaI
— ANI (@ANI) December 15, 2020
बकौल डॉ.गुलेरिया, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वैश्विक महामारी के दौर में नर्स यूनियन हड़ताल पर चले गए हैं। डब्ल्यूएचओ ने साल 2020 को नर्स और मिडवाइफ के रूप में घोषित किया है। हम यह साल फ्लोरेंस नाइटिंगेल की 200वीं जयंती के रूप में भी मना रहे हैं, जिन्होंने कहा था- असल नर्स अपने मरीजों को नहीं छोड़ते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि नर्स अपने मरीजों को नहीं छोड़ेंगे, जिन्हें देखभाल की जरूरत है।”
हड़ताल के मद्देनजर AIIMS ने कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर बाहर से नर्सिंग सेवाएं लेने का फैसला लिया है। यह कदम अस्पताल प्रशासन की उस बैठक में लिया गया, जिसमें चेयरमैन, डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, सीनियर फैकल्टी आदि मौजूद रहे।
बता दें कि एम्स दिल्ली ही नहीं बल्कि देश का जाना-माना अस्पताल है। कोरोना के अलावा कैंसर, दिल और अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए विभिन्न राज्यों से लोग यहां इलाज कराने आते हैं। हड़ताल की वजह से मरीज़ों और उनके परीजनों को काफी परेशानी हुई। समाचार एजेंसी एएनआई को अभिषेक नाम के व्यक्ति ने बताया, “हमारा भांजा इमरजेंसी में है। हमें उससे मिलने नहीं दे रहे हैं। हम कल भी ऐसे बैठे थे। हमें अभी तक मिलने नहीं दिया है।”