समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती को गरीबों और पिछड़ों की विरोधी बताया है। सपा प्रमुख ने कहा कि 17 पिछड़ी जातियों को दलितों के समान दी जा रही सुविधा छीनने वाली ‘दलित की बेटी’ दरअसल धनवानों के लिए काम करती है।
यादव ने यहां पार्टी राज्य मुख्यालय पर पिछड़ा वर्ग के कार्यकर्ताओं से कहा, ‘हमने 17 पिछड़ी जातियों को पूर्व में दलितों के समान जो सुविधाएं दी थीं, उसे मायावती ने मुख्यमंत्री बनते ही खत्म कर दिया। हमने दिल्ली में सवाल उठाया तो दिल्ली की सरकार ने भी उसी का समर्थन किया।’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘बसपा की नेता खुद को दलित की बेटी बताती हैं। लेकिन वह धनवानों का काम करती है, बड़े लोगों का काम करती है। वह आपके खिलाफ खड़े होकर बोली। यह नहीं होना चाहिए था। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी उसकी बात मान ली। हमने समझाया भी लेकिन उन्होंने कहा कि सरकार चलाने के लिए उसे साथ रखना है। वह उसी को खुश करने में लगे रहे।’ सपा मुखिया ने कहा, ‘हम 17 पिछड़ी जातियों के लिए लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश से कहेंगे कि कोई रास्ता निकालो। हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में बात करेंगे। वकीलों को भी खड़ा करेंगे। दिल्ली में भी लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन दलित का दर्जा आपको दिलाना पड़ेगा, तभी आपकी तरक्की होगी।’
साल 2005 में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने राजभर, निषाद, प्रजापति, मल्लाह, कहार, कश्यप, कुम्हार, धीमर, बिंद, भर, केवट, धीवर, बाथम, मछुवा, मांझी, तुरहा और गौड़ समेत 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कर केंद्र सरकार को इस संबंध में लिखा था। लेकिन 2007 में सत्ता में आई मायावती ने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया था। साल 2012 में प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार बनने पर मंत्रिपरिषद से इस सिलसिले में फिर से प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र को भेजा गया था। लेकिन उसे अभी मंजूरी नहीं दी गई है।
मुलायम सिंह यादव ने कहा, ‘आज देश के सामने बड़ी समस्याएं खड़ी हैं। राज्य के विकास के लिए सपा मजबूती से जुट गई है। इसलिए लोगों को परेशानी हुई। हम यही चाहते हैं कि उन्हें परेशानी हो, ताकि चीजें सुधर जाएं।’ प्रदेश की सपा सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘आज अगर डॉक्टर राम मनोहर लोहिया होते तो हमें आशीर्वाद देते कि हमारा सपना पूरा हुआ। सपा की कथनी और करनी में कोई भेद नहीं है, जो कहा वह करके दिखाया।’ सपा मुखिया ने किसी का नाम लिए बिना और संदर्भ स्पष्ट किए बगैर कहा, ‘आज वह संवैधानिक और महत्त्वपूर्ण पद पर बैठे हैं। मैं भी बहुत छोटे और गरीब परिवार से निकला हूं। उन्होंने हमारे बारे में भी टिप्पणी कर दी। सैफई में हमारा जन्मदिन मनाया गया, तो उनको परेशानी क्यों हो रही है।’
सपा प्रमुख उत्तर प्रदेश में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ‘मिशन-2017’ को धार देने में जुटे हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, ‘आपने अपनी ताकत को पहचाना और 2012 में सपा की सरकार बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब आपका निशाना होना चाहिए, लखनऊ और दिल्ली। जब तक लखनऊ और दिल्ली हाथ में नहीं आएंगे, तब तक पूरा हिंदुस्तान आपका नहीं होगा।’ उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया, ‘उत्तर प्रदेश पर तो कब्जा हो गया है अब दिल्ली पर कब्जे के लिए तैयार हों। दिल्ली कलेक्टर है और राज्य सरकार लेखपाल है। यह इसलिए कह रहा हूं कि अब हमें कलेक्टर भी बनना है और लेखपाल भी बनना है। यह इरादा बनाना है कि दिल्ली की सरकार पर भी कब्जा करना है। अगर ऐसा हुआ तो आपकी सारी समस्याएं सुलझ जाएंगी।’

