भारत में Coronavirus/COVID-19 के कुछ और पीक्स आने वाले हैं। बिना लक्षण वाले मरीज भी इस दौरान संक्रमण का फैलाव कर सकते हैं। ये चेतावनी देश के तीन बड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अपनी आने वाली किताब ‘Till We Win: India’s Fight Against Covid-19 Pandemic’ के जरिए दी है। Penguin Random House India ने इस किताब को छापा है।

नई दिल्ली स्थित AIIMS के निदेशक, जाने-माने पल्मोनलॉजिस्ट और केंद्र सरकार के COVID-19 टास्क फोर्स के सदस्य डॉ.रणदीप गुलेरिया, विश्वविख्यात वैक्सीन और संक्रामक रोक रिसर्चर डॉ.गगनदीप कंग और पब्लिक पॉलिसी व हेल्थ सिस्टम एक्सपर्ट  डॉ.चंद्रकांत लहरिया ने कोरोना महामारी के इर्द-गिर्द उठने वाले सवालों के जवाब इस पुस्तक में दिए हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मृत्यु दर में आने वाली गिरावट अच्छी बात है, पर इसका कोरोना वायरस के मामलों में आने वाले तेज बढ़ोतरी (पीक) से कोई लेना-देना नहीं है। देश में कई कोरोना के पीक आ सकते हैं। कोरोना के पुनः संक्रमण की आशंका कम है, लेकिन इस तरह के केसों में मरीज में केवल हल्के लक्षण ही आते हैं। मौजूदा सबूत बताते हैं कि कोरोना वायरस के प्री-सिम्टोमैटिक केस भी उतने ही संक्रामक हो सकते हैं, जितने कि पूर्ण लक्षण वाले।

डॉ.गुलेरिया ने बताया, “ये अनोखी यात्रा है, जिसे हम सभी गुजर रहे हैं। हम में से कोई भी इसके लिए पूरी तरह से नहीं तैयार था। फिर चाहे वह कोई व्यक्ति हो या मुल्क।” किताब तीन सैद्धांतिक मुद्दों पर जोर देती है, जो कि कोरोना महामारी से जुड़े हैं। पहला- क्यों कोरोना एक और श्वास संबंधी बीमारी नहीं है? दूसरा- पब्लिक हेल्थ रिस्पॉन्स और फ्रंटलाइन की स्टोरीज और तीसरा- जनता, नीति बनाने वालों और फिजिशियन्स के लिए आगे का रोडमैप, जो वैक्सीन की आस में हैं।

किताब में कोरोना संक्रमण के बाद प्रभाव पर भी बात की गई है, जिसे लॉन्ग कोविड (Long Covid) भी कहा जा रहा है। आशंका है कि कोरोना महामारी के आने वाले दौर में यह भी बड़ा संकट हो सकता है। गुलेरिया के अनुसार, शुरुआत में हमारा लक्ष्य था कि केस कम रहें और मौतों को रोका जा सके। पर अब बड़ी संख्या में ठीक होने वाले लोगों को बाद में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे अधिकतम मामलों में रिकवरी के कुछ हफ्तों बाद हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं, जबकि कुछ मामलों में दिल और फेफड़ों जैसे शरीर के अहम हिस्सों को नुकसान पहुंच सकता है। नतीजतन हमें ऐसे चरण की ओर बढ़ना होगा, जहां हम लोगों को लॉन्ग टर्म केयर मुहैया करा सकें।