Coronavirus/COVID-19 संकट के बीच आपस में भिड़ीं बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियों के बीच प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सुलह कराई है। यह जुबानी झगड़ा Serum Institute of India (SII) और Bharat Biotech के बीच हुआ था, जो पीएमओ की दखल के बाद शांत हुआ। हालांकि, देश में टीके (कोवैक्सिन) को किस तरह फौरन अप्रूवल मिला? इस फिलहाल सस्पेंस बरकरार है।
हमारे सहयोगी अखबार ‘The Indian Express’ में पत्रकार कूमी कपूर के ‘Inside Track’ कॉलम के मुताबिक, दवा बनाने वाली दोनों कंपनियों के बीच हालिया जंग तब सामने आई थी, जब दोनों के प्रमुखों ने सार्वजनिक होकर एक-दूसरे पर जुबानी वार किए थे। आनन-फानन पीएमओ ने हस्तक्षेप किया था। इन कंपनियों को निर्देश दिए गए कि वे एक संयुक्त बयान जारी कर बताएं कि इस वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग में वे साथ हैं।
हालांकि, यह फिलहाल साफ नहीं है कि एक्सपर्ट कमेटी को किसने मनाया था, जिसके बाद Covaxin को दो जनवरी, 2021 को इमरजेंसी अप्रूवल मिला था। इससे पहले, एक्सपर्ट कमेटी की मीटिंग के मिनट्स से पता चला था कि भारत बायोटेक को पहले एडिश्नल रिसर्च डेटा जमा करने के लिए कहा गया था। ऐसा इसलिए, क्योंकि कंपनी ने अपना फेज-3 (वैक्सीन का) का ट्रायल पूरा नहीं किया था। एक दिन के भीतर ही वैक्सीन को हरी झंडी देने के लिए पैनल फिर बुलाया गया था।
केंद्र की ओर से भारत बायोटेक कंपनी के टीके को इमरजेंसी क्लियरेंस मिलने के कदम के पीछे कुछ हद तक बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट माने जा सकते हैं। उन्होंने इसके अलावा भी कोवैक्सीन को लेकर कई ट्वीट्स किए थे, जिनमें केंद्र के तब के रुख को लेकर ‘नाखुशी’ जाहिर की थी।
I am shocked to learn the Bharat Biotech a swadeshi company has already done trials on 13, 000 persons in phase III . The Angrez vaccine has been tested only on 1200 persons. Yet the Angrez has got the contract and swadeshi in the ditch.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) January 2, 2021
किसक की है कौन सी वैक्सीन?:
Bharat Biotech – Covaxin
SII – COVISHIELD (ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का भारतीय वर्जन)
क्या था विवाद?: दरअसल, SII के सीईओ अदार पूनावाला ने BB के टीके को मंजूरी मिलने पर आपत्ति जाहिर की थी। सिर्फ तीन वैक्सीन्स को कारगर करार देते हुए उन्होंने बाकी को पानी बताया था। बाद में भारत बायोटेक के संस्थापक व प्रमुख कृष्ण इल्ला ने भी पलटवार किया था। कहा था, “हम ईमानदार क्लीनिकल ट्रायल करते हैं। कुछ कंपनियां हमारी दवा को पानी जैसा बता रही हैं। मैं इससे इन्कार करता हूं।” हालांकि, बाद में दोनों के बीच सुलह हुई थी और फिर यह ज्वॉइंट स्टेटमेंट आया था।
This should clarify any miscommunication. We are all united in the fight against this pandemic. https://t.co/oeII0YOXEH
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) January 5, 2021

