वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के गहराए संकट के बीच टीवी पत्रकार रवीश कुमार ने लोगों को सलाह दी है कि वे अपने अनुभवों को पोस्टर में छपवा कर घर की छतों पर लटका दें। संक्रमण की सुनामी के दौरान नरसंहार में अपने के मारे जाने की आपबीती रिश्तेदारों को लिखकर बताएं। साथ ही उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो भी चिपका दें।
ये बातें मंगलवार (11 मई, 2021) हिंदी समाचार चैनल “NDTV India” के वरिष्ठ पत्रकार ने फेसबुक पोस्ट के जरिए कहीं। उन्होंने लिखा, “अपने अनुभव को पोस्टर में छपवा कर घर की छत से लटका दें। रिश्तेदारों को भेजें। आप सभी भयावह अनुभव से गुजरे हैं। अस्पताल के भीतर की लूट से लेकर अस्पताल पहुंचने के रास्ते में हुई लूट तक। आक्सीजन के बगैर किसी को अपनी बांहों में तड़प कर मर जाते देखा होगा। दवा के लिए गिड़गिड़ाते रहे होंगे। इन सब अनुभवों को आप लिखें और बोलें।” बकौल रवीश, “मीडिया जगह नहीं देगा (इन कड़वे अनुभवों को) क्योंकि प्रधानमंत्री की चमक खराब हो जाएगी। इसलिए एक काम करें। तकलीफ के उस भयावह मंज़र का एक एक शब्द लिखें और उसे फ्लैक्स के बड़े से पोस्टर पर छपवा दें। उस पोस्टर को अपने घर की छत पर लटका दें। बालकनी से लटका दें। अगर मुमकिन है तो एक पर्ची छपवा लें। काले रंग की। पैम्फलेट। जो भी घर आए उसे थमा दें। ताकि आपके साथ जो हुआ वो ठीक ठीक शब्दों में आपके परिजन और आस-पास के लोगों तक पहुंचे।”
“हमेशा नरसंहार शब्द का करें प्रयोग”: पत्रकार ने आगे कहा, फेसबुक पर भी इस बाबत सारा डिटेल लिखें। लिफाफे में डाल कर अपने रिश्तेदारों को भेजें। बताइये कि कैसे आपके अपने इस नरसंहार में मारे गए। हमेशा नरसंहार शब्द का इस्तमाल करें। रिश्तेदारों को डिटेल में पता चलना चाहिए कि उनके दादा, नाना, चाचा, चाची, भैया, दीदी, मौसी, मौसा की हत्या कैसे हुई है। कैसे वे तड़पा तड़पा कर मारे गए हैं। उस पर्चे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो जरूर लगाएं जैसे वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर लगा है। दरअसल, कुमार का यह कड़ा कटाक्ष ऐसे वक्त पर आया है, जब देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच तंत्र पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है। जगह-जगह बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिविर के साथ कोरोना टीकों की कमी पड़ रही है। ऊपर से जान के सौदागर कालाबाजारी करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं, शहरों के साथ संक्रमण नए-नए रूप धरते हुए गांवों और पहाड़ी इलाकों की ओर भी रुख कर रहा है।
गुलाबी चश्मा उतारिए- राहुल का निशानाः इसी बीच, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोरोना महामारी की गंभीर स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। कहा कि पीएम को अपने उस गुलाबी चश्मे को उतारना चाहिए जिससे ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना के अलावा कुछ और नहीं दिखाई देता। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नदियों में बहते शव, अस्पतालों में लंबी लाइनें, जीवन सुरक्षा का छीना हुआ हक़! प्रधानमंत्री, वो गुलाबी चश्में उतारिए जिससे सेंट्रल विस्टा के सिवा कुछ दिखता ही नहीं।’’ उन्होंने इसके साथ ही लोगों का आह्वान किया कि वे कोरोना महामारी के इस मुश्किल समय में एक दूसरे की मदद करें। उन्होंने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के मकसद से चलाए गए सोशल मीडिया अभियान ‘स्पीकअप टू सेव लाइव्स’ के तहत लोगों से इस वक्त एकजुट होने की अपील की। कांग्रेस नेता ने एक मिनट का वीडियो साझा किया जिसमें दिखाया गया है कि ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू बेड और टीके की कमी है और लोग इनके लिए संघर्ष कर रहे हैं।
24 घंटे में 3,876 मौतें, 3.29 लाख से अधिक केसः बता दें कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले 14 दिन बाद गिरकर 3.29 लाख हो गए और इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 2,29,92,517 हो गए। स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार सुबह आठ बजे तक अपडेटेड आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 3,29,942 नए मामले सामने आए तथा 3,876 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 2,49,992 हो गई। दो महीने तक लगातार वृद्धि के बाद, उपचाराधीन मामले कम होकर 37,15,221 हो गए, जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.16 प्रतिशत है, जबकि संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की दर 82.75 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1,90,27,304 लोग संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं, जबकि मृत्युदर 1.09 प्रतिशत है। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)

