पिछले दिनों आरएसएस पर विवादित टिपण्णी करने के मामले में चौतरफा आलोचनाओं से घिरे मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को आरएसएस की जमकर तारीफ़ की और साथ ही उन्होंने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि कैसे आरएसएस ने मुश्किल समय में उनकी मदद की थी। इसके अलावा उन्होंने अपने धुर विरोधी और देश के गृहमंत्री अमित शाह की भी तारीफ़ की।
दरअसल गुरुवार को दिग्विजय सिंह के नर्मदा परिक्रमा के अनुभवों पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन किया गया। विमोचन के मौके पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नर्मदा परिक्रमा के दिनों को याद करते हुए कहा कि एक बार हम रात करीब 10 बजे के आसपास गुजरात में अपने स्थान पर पहुंचे। लेकिन वहां वन क्षेत्र होने के कारण आगे का कोई रास्ता नहीं था और रात भर ठहरने की भी सुविधा नहीं थी। लेकिन नर्मदा परिक्रमा के दौरान वन विभाग के अधिकारियों ने हमारे लिए उचित व्यवस्था की।
आगे उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें बताया कि हमें केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आदेश मिले हैं और उन्होंने कहा है कि दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा के दौरान पूरा सहयोग किया जाए और उन्हें कोई समस्या ना हो। कांग्रेस नेता ने कहा कि उस दौरान गुजरात में चुनाव चल रहे थे लेकिन उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि उन्हें किसी तरह की समस्या ना हो जिसके बाद अधिकारियों ने हमारे लिए पहाड़ में भी रास्ता खोजा और भोजन की व्यवस्था की।
इस दौरान उन्होंने यह भी कि वे अमित शाह के सबसे बड़े आलोचक रहे हैं और आज तक वे अमित शाह से नहीं मिले हैं, लेकिन वे उनके प्रति आभार प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी बात है जिसमें राजनीतिक सहयोग, समायोजन और दोस्ती का उदाहरण है जिसका राजनीति और विचारधारा से कोई संबंध नहीं है। इसके अलावा उन्होंने कार्यक्रम के दौरान आरएसएस से जुड़ा भी किस्सा सुनाया।
दिग्विजय सिंह ने किस्सा सुनाते हुए कहा कि अमित शाह की तरह ही नर्मदा परिक्रमा के दौरान आरएसएस कार्यकर्ताओं ने भी उनकी मदद की। परिक्रमा के दौरान संघ के कई कार्यकर्ता उनसे मिले। जब मैंने उनसे पूछा कि आप इतनी तकलीफ क्यों उठा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा आदेश करने का मिला है। साथ ही उन्होंने कहा कि जब वे गुजरात के भरूच इलाके से गुजर रहे थे तो वे जिस धर्मशाला में रुके थे वहां आरएसएस के प्रमुख रहे केशव बलिराम हेडगेवार और माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की तस्वीरें थीं। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म और राजनीति अलग अलग होती है और यात्रा के दौरान उन्होंने सबका सहयोग लिया।