पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राजधानी प्रवास को लेकर राजनीतिक चर्चे तेज हो गए हैं। पिछले दो दिनों में उनकी कई नेताओं से मुलाकात हुई। बुधवार शाम पांच बजे उनका पीएम मोदी से मिलने का कार्यक्रम है। बुधवार को ही उनका भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से भी मिलने की योजना है। सुब्रमण्यम स्वामी के साथ उनकी बैठक तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी के दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास पर दोपहर करीब साढ़े तीन बजे होगी। संयोग से स्वामी मंगलवार को कोलकाता में थे, जहां उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। टीएमसी सुप्रीमो की लगातार नेताओं से मुलाकात पर भाजपा का कहना है कि टीएमसी उन्हें अपनी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित करे।

पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार का कहना है कि पीएम मोदी से एक मुख्यमंत्री का मिलना सामान्य बात है। हर राज्य का मुख्यमंत्री विकास कार्यों पर चर्चा करने और उस पर बातचीत करने के लिए स्वाभाविक रूप से राजधानी आता है और विभिन्न विभागों के मंत्रियों और यहां तक कि पीएम से भी मुलाकात करता है। इसमें कुछ भी असहज करने वाली बात नहीं है। लेकिन अगर ममता बनर्जी विपक्ष की नेता के रूप में मिलती हैं तो सबसे पहले उनकी पार्टी की ओर से आधिकारिक रूप से यह घोषित किया जाना चाहिए कि वह पीएम पद का चेहरा हैं।

टीएमसी की ओर से बताया गया है कि सीएम ममता बनर्जी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से शाम पांच बजे मुलाकात करेंगी, जहां वह बंगाल में बीएसएफ के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र और त्रिपुरा में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हमले सहित विभिन्न मुद्दों को उठाएंगी।

इस बीच भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से उनकी मुलाकात को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। स्वामी, जिन्हें पिछले महीने भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति से हटा दिया गया था, अतीत में कई मौकों पर टीएमसी सुप्रीमो की प्रशंसा कर चुके हैं। हाल ही में, उन्होंने अक्टूबर में एक वैश्विक शांति सम्मेलन में भाग लेने के लिए पश्चिम बंगाल के सीएम को रोम जाने की अनुमति देने से इनकार करने पर केंद्र की आलोचना की थी।

नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान ममता बनर्जी के पैर में चोट लगने के बाद उन्होंने उनको जल्द ठीक होने की अपनी “शुभकामनाएं” भी दी थीं। इस घटना ने बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी और बीजेपी के बीच वाकयुद्ध छेड़ दिया था।