केंद्र सरकार ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल को एक और साल का सेवा-विस्तार देने का फैसला लिया है। 90 वर्षीय ‘केकेवी’ का मौजूदा कार्यकाल अगले कुछ दिनों में खत्म हो रहा है।

उनके नए कार्यकाल के विस्तार के संबंध में औपचारिक आदेश जल्द ही जारी किए जाएंगे। दरअसल, टॉप कोर्ट में कई महत्वपूर्ण मामलों में चल रही सुनवाई और बार में वेणुगोपाल के अनुभवों पर विचार करते हुए सरकार ने उनका कार्यकाल एक साल बढ़ाने का फैसला किया है। एजी के रूप में वेणुगोपाल का पहला कार्यकाल पिछले साल समाप्त होना था, तब उन्होंने सरकार से अनुरोध किया था कि उनकी उम्र को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक साल का कार्यकाल दिया जाए। वेणुगोपाल ने एक जुलाई, 2017 को अटॉर्नी जनरल के रूप में पदभार संभाला। केंद्र सरकार के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप उन्होंने मुकुल रोहतगी की जगह ली थी।

बता दें कि अटॉर्नी जनरल, एक संवैधानिक पद होता है, जो कि देश का सबसे उच्च कानूनी अफसर माना जाता है। इस पोस्ट के लिए आमतौर पर तीन साल का कार्यकाल होता है।

वेणुगोपाल कई प्रमुख मामलों में केंद्र सरकार का पक्ष रखते आए हैं, जिनमें 370 के प्रावधान खत्म किए जाने का मसला, सरकार की ओर से किए गए कोविड-प्रबंधन और आईपीसी के सेक्शन 124-ए को चुनौती देने का मसला आदि शामिल हैं। वह इसके अलावा साल 2018 में राफेल केस और ‘आधार’ को चुनौती दिए जाने से जुड़े मामले में सफलतापूर्वर्क सरकार का बचाव कर चुके हैं।

साल 1931 को जन्में वेणुगोपाल वकालत की दुनिया में काफी सीनियर हैं। उन्हें इसकी प्रैक्टिस करते हुए 67 बरस हो चुके हैं। पिता एमके नाम्बियर भी दिग्गज बैरिस्टर थे। वकीलों के बीच केकेवी नाम से पुकारे जाने वाले वेणुगोपाल को 2002 में पद्म भूषण पुरस्कार और 2015 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।