दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के मरकज की वजह से देशभर में 9 हजार लोग कोरोनावायरस संक्रमण के खतरे में आ सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि जैसे-जैसे तब्लीगी जमात के सदस्यों की पहचान जारी है, वैसे ही यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है।
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गौरतलब है कि 13-15 मार्च के बीच तब्लीगी जमात ने निजामुद्दीन में मरकज का आयोजन किया था। इसमें देश-विदेश के लोगों को बुलाया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 22 राज्यों के लोग इस आयोजन में शामिल हुए थे। केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल को ही दिल्ली के निजामुद्दीन में रहने वाले लोगों को अस्पतालों और क्वारैंटाइन सेंटर पहुंचाया। हालांकि, यहां से निकल कर अपने घरों और करीबियों के पास पहुंचने वाले जमातियों की तलाश अभी जारी है। इस मामले में केंद्र ने राज्यों को निर्देश जारी किए हैं।
अब तक 23 राज्य और चार केंद्र शासित प्रदेशों ने मरकज में शामिल हुए दूसरे देशों के 1306 लोगों की पहचान कर ली है। गृह मंत्रालय के 1 अप्रैल तक जुटाए गए डेटा के मुताबिक, विदेशियों में से अब तक 1051 लोगों को क्वारैंटाइन कर लिया गया है। इनमें से 21 के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं, जबकि दो लोगों की मौत हुई है। अफसरों का कहना है कि वे सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर तब्लीगी जमात के 7688 सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान में जुटे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि कोरोना से प्रभावित लोगों की पहचान के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जारी है। तब्लीगी जमात के ज्यादातर विदेशी और घरेलू कार्यकर्ताओं की पहचान हो गई है। लेकिन अभी काफी काम बाकी है। बताया गया है कि तब्लीगी के 400 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 190 केस ऐसे हैं, जो तब्लीगी जमात से संपर्क में थे। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के 71, दिल्ली के 53, तेलंगाना के 28, असम के 13, महाराष्ट्र के 12, अंडमान के 10, जम्मू-कश्मीर के 6 और पुडुचेरी-गुजरात से 2-2 संक्रमित मामले तब्लीगी जमात के पाए गए हैं।