पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के रामपुरहाट गांव में पिछले दिनों हुई हिंसा की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो कर रही है। बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में 21 लोगों के नाम एफआईआर दर्ज की है। एजेंसी का दावा है कि घरों में आग लोगों को मारने की नीयत से लगाई गई थी। गौरतलब है कि 21 मार्च को बीरभूम में बदमाशों ने टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या के बाद दस घरों में आग लगा दी थी। जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।
सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में कहा कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि स्थानीय पंचायत के टीएमसी उप-प्रधान भादू शेख की हत्या का बदला लेने के लिए इस तरह की हिंसा की गई थी। इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिये थे। हालांकि इससे पहले राज्य पुलिस की एसआईटी जांच कर रही थी।

इस मामले में सीबीआई ने 21 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149 और अन्य सेक्शन के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। इन लोगों के खिलाफ सशस्त्र दंगे करने का आरोप लगाया गया है।
अदालत के आदेश के बाद अब सीबीआई ने इस मामले को राज्य पुलिस से अपने हाथ में ले लिया है। बता दें कि कोर्ट ने सीबीआई से सुनवाई की अगली तारीख सात अप्रैल को प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
एएनआई न्यूज के अनुसार इस वारदात के बाद रामपुरहाट इलाके के बगतुई गांव की सुरक्षा को और बढ़ा दिया गया है। आने जाने वालों पर नजर रखी जा रही है। वहीं गांव का दौरा करने आईजी भरत लाल मीणा भी पहुंचे। इसके अलावा जांच के लिए सीबीआई ने सीएफएसएल की आठ विशेषज्ञों के साथ एक टीम पहले ही भेज दी है।
क्या है मामला: गौरतलब है कि 21 मार्च को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में टीएमसी नेता की हत्या कर दी गई थी। जिसे देर रात रामपुरहाट गांव में हिंसा भड़क गई। आरोप के मुताबिक एक भीड़ ने 10-12 घरों के आग के हवाले कर दिया। बाद में एक ही घर से 7 लोगों के शव निकाले गए थे। इस मामले में कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी।