West Bengal Lok Sabha Elections: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल के मालदा उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार खगेन मुर्मू को चुनाव प्रचार के दौरान एक महिला को किस (चुंबन) करते हुए कैमरे में कैद किया गया। बुधवार को घटना की तस्वीरें इंटरनेट पर सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया।
यह घटना सोमवार को हुई जब मुर्मू पश्चिम बंगाल में चंचल के श्रीहिपुर गांव में चुनाव प्रचार कर रहे थे। राज्य में सत्तारूढ़ टीएमसी ने आरोप लगाया कि भाजपा उम्मीदवार को अभियान की लाइव स्ट्रीम में एक महिला के गालों पर Kiss करते देखा गया था, जिसे उनके फेसबुक पेज पर साझा किया गया था लेकिन बाद में हटा दिया गया था।
इस मामले को लेकर टीएमसी ने क्या कहा?
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी ने इस घटना को एक्स पर साझा किया और लिखा, “यदि आपने अभी जो देखा उस पर विश्वास नहीं कर सकते, तो आइए स्पष्ट करें। जी हां, यह बीजेपी सांसद और मालदाहा उत्तर से उम्मीदवार @khagenmurmu हैं जो अपने प्रचार अभियान के दौरान अपनी मर्जी से एक महिला को चूम रहे हैं। पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने वाले सांसदों से लेकर बंगाली महिलाओं के बारे में अश्लील गाने बनाने वाले नेताओं तक। टीएमसी ने आगे लिखा कि बीजेपी खेमे में महिला विरोधी नेताओं पर कोई एक्शन नहीं है। इस तरह नारी का सम्मान में जुटा मोदी का परिवार! कल्पना कीजिए कि अगर वे सत्ता में आए तो वे क्या करेंगे।”
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि टीएमसी के मालदा उपाध्यक्ष दुलाल सरकार ने इस घटना की निंदा करते हुए सवाल किया कि क्या उम्मीदवार ने “वोट की भीख मांगते हुए” ऐसा कृत्य किया था।
विवाद पर बीजेपी उम्मीदवार खगेन मुर्मू ने क्या कहा?
दूसरी ओर बीजेपी उम्मीदवार खगेन मुर्मू ने कहा कि तस्वीर में दिख रही लड़की “उनके बच्चे की तरह” थी। उन्होंने टीएमसी पर इमेज को एडिट करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि जो टीएमसी की गंदी मानसिकता को दिखाता है।
खगेन ने कहा कि तस्वीर तृणमूल के किसी व्यक्ति द्वारा पोस्ट की गई थी और इसे थोड़ा एडिट किया गया है। यह उनकी गंदी मानसिकता का परिचायक है। जिस लड़की को चूमा जा रहा है वह हमारे परिवार की बच्ची है। हमारे एक कार्यकर्ता की बेटी है, जो बैंगलोर में नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। इसलिए मैंने उसकी थोड़ी देखभाल की। हम अपने बच्चों के साथ भी ऐसा ही करते हैं। और उसके माता-पिता दोनों उसके बगल में खड़े थे। आज भी मैं उस क्षेत्र में प्रचार कर रहा हूं। किसी ने इसे बुरा नहीं माना। टीएमसी वोटों के लिए संघर्ष कर रही है।
बीजेपी उम्मीदवार के हवाले से कहा कि टीएमसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जाएगी। बच्चे को चूमने में कुछ भी गलत नहीं है। यह पूरी तरह एक साजिश है। टीएमसी के कितने बुरे संस्कार हैं। ऐसी तस्वीरों को तोड़-मरोड़कर पेश करके पार्टियों और व्यक्तियों को बदनाम किया जा रहा है।
कौन हैं खगेन मुर्मू?
खगेन मुर्मू मौजूदा समय में पश्चिम बंगाल से बीजेपी सांसद हैं. साल 2019 में उन्होंने पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था। 63 वर्षीय मुर्मू को बीजेपी ने एक बार फिर अपना उम्मीदवार बनाया है। बताया जा रहा है कि खगेन मुर्मू पश्चिम बंगाल के मालदा उत्तर लोकसभा क्षेत्र में चुनावी प्रचार-प्रसार कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें एक युवती को खुलेआम किस करते हुए देखा गया।
संथाली नेता के तौर पर है खगेन मुर्मू की पहचान
खगेन मुर्मू 2019 लोकसभा चुनाव से पहले CPM की ओर से चार बार विधायक रह चुके हैं। पश्चिम बंगाल में खगेन मुर्मू को मजबूत संथाली नेता के तौर पर देखा जाता है। पश्चिम बंगाल में इस जनजातीय समुदाय की अच्छी खासी आबादी है। साल 2019 में भी मुर्मू ने पश्चिम बंगाल की मालदा उत्तर सीट से जीत हासिल की थी। बीजेपी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। मुर्मू ने बिहार की मगध यूनिवर्सिटी से बीए किया है।
कांग्रेस का गढ़ कहा है मालदा संसदीय क्षेत्र
मालदा उत्तर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का अस्तित्व साल 2009 में आया है। मालदा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का अस्तित्व 2009 से समाप्त हो गया और दो नए लोकसभा क्षेत्र मालदा उत्तर लोकसभा क्षेत्र और मालदा दक्षिण लोकसभा क्षेत्र का गठन किया गया। मालदा जिला मुख्यतः कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। अब्दुल गनी खान चौधरी मालदा के कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। वह केंद्रीय मंत्री भी रहे थे और अभी तक गनी खान परिवार का मालदा इलाके में दबदबा माना जाता है, लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार बीजपी ने इस सीट पर जीत हासिल की और गनी खान परिवार की टीएमसी की उम्मीदवार मौसम नूर को पराजित किया था। बता दें कि खगेन मुर्मू पहले माकपा में थे, लेकिन चुनाव के पहले वह बीजेपी में शामिल हो गये थे।
सात विधानसभा सीटों में चार पर टीएमसी का कब्जा
साल 2009 के परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर मालदा में सात विधानसभा सीटें हैं। हबीबपुर (एसटी), गजोल (एससी), चांचल, हरिश्चंद्रपुर, मालतीपुर, रतुआ और मालदा (एससी) ये सात विधानसभा की सीटें हैं। मालदा उत्तर की सात सीटों में से चार पर टीएमसी का और तीन पर बीजेपी का कब्जा है। हबीबपुर (एसटी) से बीजेपी के जोयेल मुर्मू, गजोल (एससी) से बीजेपी के चिन्मय देब बर्मन, चांचल से टीएमसी के निहार रंजन घोष, हरिश्चंद्रपुर से टीएमसी के तजमुल हुसैन, मालतीपुर से टीएमसी के अब्दुर रहीम बॉक्सी, रतुआ से टीएमसी के समर मुखर्जी और मालदा (एससी) से बीजेपी के गोपाल चंद्र साहा विधायक हैं।
जातीय समीकरण
2011 की जनगणना के अनुमान के अनुसार, कुल 2315300 जनसंख्या में से 93.65% ग्रामीण और 6.35% शहरी आबादी है। कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का अनुपात क्रमशः 23.44 और 10.13 है. 2021 की मतदाता सूची के अनुसार, इस निर्वाचन क्षेत्र में 1778862 मतदाता हैं। इस सीट पर अनुसूचित जाति अहम भूमिका निभाता रहा है।
माकपा से भाजपा में गए खगेन ने दिलाई जीत
भाजपा के खगेन मुर्मू ने एआईटीसी के मौसम नूर को हराकर मालदा उत्तर लोकसभा क्षेत्र में 84,288 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। खगेन मुर्मू को 5,09,524 वोट मिले। उन्हें 37.61 फीसदी वोट मिले, जबकि टीएमसी के मौसम नूर को 4,25,236 वोट के साथ 31.39 फीसदी मत मिले। कांग्रेस की ईशा खान चौधरी को 3,05,270 वोट के साथ 22.53 फीसदी मत मिले। सीपीआई (एम) बिश्वनाथ घोष को 50,401 वोट के साथ 3.72 फीसदी मत मिले, जबकि नोटा में 8,039 मत मिले. साल 2019 के संसदीय चुनाव में मतदाता मतदान 80.39% था, जबकि 2014 के संसदीय चुनाव में यह 81.6% था।
साल 2014 का लोकसभा चुनाव में मालदा उत्तर की सीट पर कांग्रेस की उम्मीदवार कांग्रेस मौसम नूर ने जीत हासिल की थी। उन्हें 388,609 वोट के साथ 33.41 फीसदी मत मिले थे. सीपीआई (एम) के खगेन मुर्मू को 322,904 मत के साथ 27.77 फीसदी वोट मिले थे, जबकि टीएमसी के सौमित्र रॉय को 197,313 को वोट के साथ 16.97 फीसदी मत मिले थे। भाजपा के सुभाषकृष्ण गोस्वामी को 179,000 को वोट के साथ 15.39 फीसदी मत मिले थे।