राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने बगैर देखे ही शादी के लिए राबड़ी देवी को पास कर दिया था, जबकि विवाह के बाद जब उनकी मौत की फर्जी खबर उड़ी थी तो उस दौरान वह पत्नी को आकर गुप्त दर्शन देते थे।
लालू ने खुद इन बातों का खुलासा ‘जी टीवी’ पर आने वाले शो ‘जीना इसी का नाम है’ पर बताई थीं। 2012 में दिखाए गए एपिसोड के दौरान होस्ट फारूख शेख से कहा था, “शादी से पहले हमने पहले कभी भी राबड़ी देवी को नहीं देखा था। पहले तो हम लोगों के यहां संस्कृति थी कि लड़की को लड़का नहीं देखता था। पर जब थोड़ा सा एडवांस हो गए थे, तब हमने अपना एक प्रतिनिधि भेजा था। उसने आकर बताया था कि लड़की बहुत सुंदर है और धनी लोग भी हैं। संपन्न हैं। अच्छे किसान हैं और नजदीक के गांव के हैं। यह सब सुनकर हमने पास कर दिया था कि शादी के लिए ठीक है।”
राजद नेता ने आगे बताया- शादी हो गई तब दोनों साथ बैठे हैं। राबड़ी देवी पूरी घूंघट ओढ़े थीं और हमने सिंदूर दान कर दिया था। हमने देखा नहीं था पहले। गौना कर के आए थे…उस वक्त आंदोलन छिड़ा था। हम लोगों ने तब विधानसभा का घेराव किया था, तब काफी पिटाई हुई थी। चारों ओर हल्ला हो गया था- लालू यादव पुलिस गोली से मारे गए। लालू तब पटना आईं, उन्हें भी यह खबर मिली। हालांकि, तब हम छिपकर गए और राबड़ी को बताया कि जीवित हैं। फिर अंडरग्राउंड में हो गए।
शेख ने राबड़ी से आगे पूछा था- नई नवेली दुल्हन के घर आते ही पति खबर दे कि वह जरा जेलखाने की सैर कर के आते हैं? इस पर उनका जवाब आया था- जो एक महिला पर गुजरती है…वह यही सोचती है कि संकट आया है…उसका सामना करने के लिए तैयार रहती है। क्या लालू जी ने आपसे कहा था- माई डियर राबड़ी, आई लव यू…? राबड़ी यह सवाल सुनकर हंसने लगी। बोलीं- मौका नहीं मिला, कभी यह कहने का। शुरू-शुरू में जेल गए थे, तब चिट्ठी भेजा करते थे।