बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार ने रविवार को चुनावी शंखनाद कर ऐलान किया कि राज्य विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि एनडीए को राज्य में 200 से ज्यादा सीटें मिलेगी। कार्यकर्ताओं का उन्होंने आह्वान किया कि वे एनडीए को 200 से ज्यादा सीटें दिलाने के लिए कमर कस लें और अभी से जुट जाएं। इसके लिए सभी से संकल्प लेने की भी अपील की। उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर धैर्य रखने की बात कही। कहा कि मामला अभी कोर्ट में है। अदालत के फैसले का इंतजार कीजिए।
रविवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने उन्हें वर्ष 2005 में सेवा करने का अवसर दिया। तब से वह लगातार काम कर रहे हैं। इन 15 वर्षो में बिहार की तस्वीर बदल दी है। जनता इसे जानती हैा। कहा कि सीएए और एनआरसी पर बनी स्टैंडिंग कमिटी में लालू प्रसाद यादव भी थे। एनपीआर को लेकर बोले कि विधानसभा में प्रस्ताव लाकर हमने साफ़ कर दिया कि वर्ष 2010 वाले आधार पर ही हो एनपीआर लागू होगा। कहा कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगी।
उन्होंने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार से माइग्रेशन नहीं होता है। देश में कोई भी कहीं भी जाकर काम या नौकरी कर सकता है। बोले कि केरल समेत देश के विभिन्न हिस्सों के लोग यहां आते हैं और यहां काम करते है। उन्होंने कहा कि, ‘हम इतना प्रशिक्षण देंगे कि लोग देश ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में जाकर काम करेंगे।’ कहा कि पहले लोग यहां सामान्य नौकरी के लिए तरसते थे, लेकिन आज हालात बदल गए हैं। लोग इसे अच्छी तरह जानते हैं।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि देश की स्थिति 1947 वाली नहीं होने देंगे। देश एक बार विभाजित हो चुका है। अब ऐसा कभी नहीं होगा। कहा कि देश में विकास और उन्नति की हवा बहेगी। सभी लोग साथ रहेंगे। कांग्रेस और आरजेडी ने लोगों को आपस में लड़ाया और उनके वोट लिए। जनता दल (यू) की सरकार ने लोगों की भलाई के लिए काम किया। यही वजह है कि आज का बिहार 15 साल पहले वाले बिहार से बिल्कुल अलग है। इसका गुणगान बिल गेट्स भी करते हैं।