Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha News: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। कल से रामभक्त अयोध्या में रामलला के दर्शन कर सकेंगे। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूरे भारत में जश्न का माहौल है। अयोध्या में सरयू घाट पर हजारों दिए जलाए गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी नई दिल्ली स्थित अपने आधिकारिक आवास पर दीप प्रज्जवलित किए हैं। रामभक्तों ने भी अपने-अपने घरों पर ‘राम ज्योति’ प्रज्जवलित की है। इससे पहले अयोध्या में हुए राम लला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी, आरएसएस चीफ मोहन भागवत, सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल हुए। पीएम नरेंद्र मोदी राम लला के लिए छत्र लेकर पहुंचे थे। उन्होंने अनुष्ठान के बाद राम लला को छत्र अर्पित किया और दंडवत प्रणाम किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत ‘सियावर रामचंद्र की जय’ के साथ की। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि राम लला टेंट में नहीं, अब भव्य मंदिर में रहेंगे। आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है, आज हमें राम का मंदिर मिला है। PM मोदी ने कहा, “हमारे राम लला अब टेंट में नहीं रहेंगे, वे अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास है कि जो घटित हुआ है उसकी अनुभूति देश और दुनिया के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी। यह क्षण अलौकिक है।” रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी पूरी कवरेज यहां पढ़ें
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राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में अयोध्या के जनकपुर में भी दीप जलाए गए हैं।
राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब सरयू घाट पर दिए जलाए जा रहे हैं। देशभर में ऐसे कई आयोजन किए जा रहे हैं।
अयोध्या में सोमवार को रामलला के नये विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर पवित्र शहर के निवासियों में भावनात्मक उत्साह देखा गया। उन्होंने कहा कि उन्हें वास्तव में ऐसा लगता है कि वे दिव्य, 'नव्य' और 'भव्य' अयोध्या में रह रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मंदिर में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा से संपूर्ण अयोध्या वासी भाव विह्वल हैं।
नवनिर्मित राम मंदिर से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले शिक्षक कृष्णनाथ सिंह ने PTI से कहा, ''अब हमारी अयोध्या 'दिव्य' अयोध्या, 'नव्य' अयोध्या और 'भव्य' अयोध्या बन गई है।'' अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करते हुए उन्होंने कहा, ''यह न केवल अयोध्या या उत्तर प्रदेश के प्रत्येक निवासी के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हमारे रामलला को वह उचित स्थान मिला है जिसके वह हकदार हैं।''
जे पी नड्डा ने सोमवार को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को ‘सांस्कृतिक अभ्युदय का सवेरा’ करार दिया और विश्वास जताया कि यह गौरवशाली भारत को वैश्विक प्रगति व प्रतिष्ठा की आभा से प्रदीप्त करेगा। नड्डा ने इससे पहले यहां झंडेवालान मंदिर में पूजा-अर्चना की और प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण देखा। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सनातन संस्कृति के धर्मावलंबियों के लिए यह पावन क्षण धन्य करने वाला है। सदियों की प्रतीक्षा, त्याग व बलिदान से प्राप्त हुए इस पुण्य अवसर ने हमारे अंतर्मन में प्रभु (श्री राम) के उच्च आदर्शों को आत्मार्पित कर अपने कर्तव्यों के निर्वहन की प्रेरणा दी है।’’
रामलला के आभूषणों का निर्माण अध्यात्म रामायण, श्रीमद्वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरिमानस तथा आलवन्दार स्तोत्र के अध्ययन और उनमें वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुरूप शोध और अध्ययन के उपरान्त किया गया है।
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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को अयोध्या में नवनिर्मित राममंदिर में श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त है। सिंह ने कहा कि अयोध्या का आयोजन ‘क्रांतिकारी कार्य’ था और जो इस पल के गवाह रहे लोग भाग्यशाली हैं।
रामभद्राचार्य ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी २०२४ का चुनाव जीतेगी।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान कई दिग्गजों की आंखों से आंसू आ गए
अयोध्या में राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर शंकराचार्य मंदिर समेत कश्मीर घाटी के कई मंदिरों में विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि अयोध्या में राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सिलसिले में विशेष प्रार्थना में हिस्सा लेने के लिए अल्पसंख्यक हिंदू वर्ग से श्रद्धालु और पर्यटक यहां जबरवान पहाड़ी पर शंकराचार्य मंदिर पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रार्थना के बाद श्रद्धालुओं के लिए लंगर लगाया गया। यहां अमीरकादल इलाके में झेलम नदी के तट पर हनुमान मंदिर में भी विशेष प्रार्थना हुई। अयोध्या में राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मौके पर इस हनुमान मंदिर को सजाया गया था।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए सोमवार को देश भर से विशिष्ट अतिथियों के आगमन से नवनिर्मित हवाई अड्डे पर लगभग 100 उड़ानों का आवागमन होने की उम्मीद है। इस समारोह के लिए आमंत्रित लोगों की सूची में 7,000 से अधिक मेहमान शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में अयोध्या के भव्य मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी सैकड़ों विशिष्ट हस्तियां पहुंचीं। अयोध्या स्थित महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस विशेष अवसर पर उड़ानों की आवाजाही की संख्या लगभग 100 तक पहुंचने की उम्मीद है क्योंकि समारोह के बाद लोग वापस लौटना शुरू कर देंगे।
अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मौके पर अरूणाचल प्रदेश भी सोमवार को धार्मिक उत्साह के रंग से सराबोर रहा और पूर्वोत्तरी राज्य के विभिन्न हिस्सों में विशेष पूजा अर्चना की गईं और रैलियां निकाली गईं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि राज्य की राजधानी में इस ऐतिहासिक अवसर का गवाह बनने के लिए व्यापारियों ने बाजारों को स्वैच्छिक रूप से बंद रखा था। प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर बड़ी संख्या में निजी स्कूलों ने भी आज छुट्टी की घोषणा की थी।
अयोध्या स्थित राम मंदिर में ‘श्री रामलला’ के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर राजस्थान में सोमवार को त्योहार जैसा माहौल देखा गया। राज्य के सभी प्रमुख मंदिरों में सजावट के साथ ही विशेष भजन कीर्तन हुए तो लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते नजर आए। अयोध्या में भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ सोमवार को की गई। इसके मद्देनजर राजस्थान भर में धार्मिक आयोजन किए गए। मंदिरों में भजन-कीर्तन और रामायण तथा सुंदरकांड का पाठ किया गया। जयपुर समेत कई शहरों में रामधुनी के साथ प्रभात फेरियां निकाली गईं। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा श्योपुर-प्रतापनगर रोड स्थित देहलावास बालाजी मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की। वह बाद में प्रताप नगर में प्रेम मंदिर गए और उन्होंने वहां भी पूजा-अर्चना की। मंत्रियों और विधायकों ने विभिन्न मंदिरों में दर्शन किये।
अयोध्या में राम मंदिर के भव्य उद्घाटन से शहर में प्रति वर्ष कम-से-कम पांच करोड़ पर्यटकों के आने की संभावना है। यह संख्या स्वर्ण मंदिर और तिरूपति मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं से कहीं अधिक है। ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि हवाई अड्डे जैसे बुनियादी ढांचे पर बड़े पैमाने पर खर्च करने से उत्तर प्रदेश का यह शहर एक बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक एक नए हवाई अड्डे, विस्तारित रेलवे स्टेशन, आवासीय योजनाओं और बेहतर सड़क संपर्क के साथ नए होटलों और अन्य आर्थिक गतिविधियों के चलते यहां प्रति वर्ष पांच करोड़ से अधिक पर्यटक आ सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर परिसर में कुबेर टीला पहुंचकर शिव मंदिर में भगवान शिव की पूजा की और जटायु की मूर्ति का अनावरण किया। प्रधानमंत्री ने शिवलिंग का जलाभिषेक किया और मंदिर की परिक्रमा भी की। राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीला पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर का भी जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। बाद में प्रधानमंत्री ने राम मंदिर के परिसर में 'जटायु' की एक मूर्ति का अनावरण किया। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में शामिल श्रमिकों पर फूलों की वर्षा की।
गृह मंत्री अमित शाह ने अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में सोमवार को श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा को करोड़ों राम भक्तों के लिए अविस्मरणीय दिन करार दिया और कहा कि यह मंदिर युगों-युगों तक सनातन संस्कृति का अद्वितीय प्रतीक रहेगा। शाह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जय श्री राम- …5 सदी की प्रतीक्षा और प्रतिज्ञा आज पूर्ण हुई।’’
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी कोलकाता में सभी धर्म के लोगों के साथ कोलकाता में मार्च निकाल रही हैं।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद इकबाल अंसारी का पहला रिएक्शन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या राम मंदिर परिसर में ‘जटायु’ की प्रतिमा का अनावरण किया
पीएम नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण कार्य में शामिल मजदूरों पर फूल बरसाए
वर्ष 1528 : मुगल बादशाह बाबर के सेनापति मीर बकी द्वारा बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया गया।
वर्ष 1885 : महंत रघुवर दास ने फैजाबाद जिला अदालत में याचिका दायर कर विवादित ढांचे के बाहर एक चबूतरा बनाने की अनुमति मांगी। अदालत ने याचिका खारिज कर दी।
वर्ष 1949 : विवादित ढांचे के बाहर मध्य गुंबद के नीचे रामलला की मूर्ति रखी गई। - एक फरवरी, 1986 : स्थानीय अदालत ने सरकार को हिंदू भक्तों के लिए स्थल खोलने का आदेश दिया।
14 अगस्त, 1989 : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विवादित ढांचे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
छह दिसंबर, 1992 : 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद, जिसके बारे में कई हिंदुओं का मानना है कि भगवान राम के जन्मस्थान स्थल पर बनाई गई थी, को ‘कार सेवकों’ ने ध्वस्त कर दिया।
तीन अप्रैल, 1993 : केंद्र द्वारा विवादित क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण के लिए ‘अयोध्या में निश्चित क्षेत्र का अधिग्रहण अधिनियम’ पारित किया गया।
अप्रैल 2002 : विवादित स्थल के मालिकाना हक का निर्धारण करने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुनवाई शुरू की।
30 सितंबर, 2010 : उच्च न्यायालय ने 2:1 के बहुमत से विवादित क्षेत्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया।
9 मई, 2011 : उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या भूमि विवाद पर उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगायी।
जनवरी 2019 : उच्चतम न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ का गठन किया।
छह अगस्त, 2019 : उच्चतम न्यायालय ने भूमि विवाद पर रोजाना सुनवाई शुरू की।
16 अक्टूबर, 2019 : उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई पूरी की, आदेश सुरक्षित रखा।
9 नवंबर, 2019 : एक ऐतिहासिक फैसले में, उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में पूरी 2.77 एकड़ विवादित जमीन रामलला को दे दी, जमीन का कब्जा केंद्र सरकार के रिसीवर को सौंपा। शीर्ष अदालत ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को मस्जिद बनाने के लिए मुसलमानों को किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का भी निर्देश दिया।
पांच फरवरी, 2020 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन की घोषणा की।
पांच अगस्त, 2020 : प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर की नींव रखी।
राम लला की प्रतिमा के दर्शन कीजिए
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रामलला के दर्शन करते संत


भगवान शिव की पूजा करते पीएम नरेंद्र मोदी
उन्होंने कहा, ‘‘आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है। आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है। पूरा देश आज दीवाली मना रहा है। आज शाम घर-घर रामज्योति प्रज्ज्वलित करने की तैयारी है।’’
पीएम नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में आए अतिथियों का अभिवादन किया।
PM नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। यह सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है। हजारों वर्ष बाद की पीढ़ी राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी इसलिए मैं कहता हूं यही समय है, सही समय है।"
PM मोदी ने कहा, "राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं, राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं, राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं, राम प्रभाव हैं, राम प्रवाह हैं, राम नेति भी हैं, राम नीति भी हैं, राम नित्यता भी हैं, राम निरंतरता भी हैं, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव शताब्दियों तक नहीं होता उसका प्रभाव हज़ारों वर्षों तक होता है।"
PM मोदी ने कहा, "हर युग में लोगों ने राम को जीया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है। यह राम रस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे। ये कितनी बड़ी राम कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं और इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं..."
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत 'सियावर रामचंद्र की जय’ के साथ की। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि राम लला टेंट में नहीं, अब भव्य मंदिर में रहेंगे। आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है, आज हमें राम का मंदिर मिला है। PM मोदी ने कहा, "हमारे राम लला अब टेंट में नहीं रहेंगे, वे अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास है कि जो घटित हुआ है उसकी अनुभूति देश और दुनिया के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी। यह क्षण अलौकिक है।''
अयोध्या में भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर हर तरफ उत्साह का माहौल बना हुआ है। देश के विभिन्न हिस्सों में रविवार यानी 21 जनवरी की रात से ही सुंदर कांड और श्रीराम चरित मानस का पाठ के आयोजन किए जा रहे हैं।