पश्चिम बंगाल के दौर पर गए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुई पत्थरबाजी से बंगाल की सियासत में भूचाल आ गया है। बीजेपी जहां इस मुद्दे पर ममता सरकार को आड़े हाथ ले रही है तो वहीं टीएमसी का कहना है कि पत्थरबाजी उसके कार्यकर्ताओं ने नहीं की है। बीजेपी उस पर झूठे आरोप लगा रही है।

इसी मुद्दे पर एक टीवी डिबेट में एक एंकर ने टीएमसी नेता तौसीफ खान से पूछा कि क्या अगर आपकी पार्टी का नहीं होगा तो उसे ठोक देंगे या पत्थर बरसाएंगे? जिसका जवाब देते हुए तौसीफ खान ने कहा कि ठोक देना वाला कल्चर उत्तर प्रदेश का कल्चर है। सीएम योगी ने कहा था कि ठोक दो। ये बंगाल की संस्कृति नहीं है। यूपी और बंगाल की साक्षरता में बहुत अंतर है।

इसके जवाब में एंकर ने कहा कि अगर ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश जाएं और उन पर पत्थरबाजी हो तो उसको ठोकतंत्र बोलेंगे। एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष पर पत्थर चल रहे हैं और आप उसको हल्के में ले रहे हैं। आपको क्या ये लोकतंत्र पर हमला नहीं दिख रहा। ममता पर हमला हुआ होता तो क्या करते आप?

बाद में डिबेट में प्रवक्ता द्वारा हाथरस का मामला उठाने पर एंकर ने बीच में टोका। प्रवक्ता ने एंकर को कहा कि आप जेपी नड्डा के लिए चिल्ला रहे हैं , दिल्ली में मनीष सिसोदिया के घर पर भी हमला हुआ है तो उस पर क्यों नहीं बोलते बाद में एंकर ने इस दावे को खाारिज कर दिया।

एंकर ने याद दिलाया कि लोकसभा चुनाव के समय पर अमित शाह के काफिले पर भी ऐसा ही हमला किया गया था। जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि आप बीजेपी के लोगों को खुश करने का काम करते हैं।

डिबेट में एंकर ने AIMIM प्रवक्ता से पूछा कि क्या आपकी पार्टी के नेता, असदुद्दीन ओवैसी या किसी और विपक्षी नेता पर बीजेपी शासित राज्यों में ईंट पत्थर चले? बंगाल में जो हुआ क्या वह स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी है? प्रवक्ता ने जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी और टीएमसी का भाई बहन का रिश्ता रहा है। दोनों पार्टियां एक दूसरे से गठबंधन कर चुकी हैं। दोनों पार्टियों की विचारधार एक जैसी है तभी इन लोगों के बीच गठबंधन भी हुआ था। दोनों एक जैसा काम करते हैं भारतीय जनता पार्टी भी कम नहीं है। बीजेपी के लोग हत्यारों को माला पहनाने वाले लोग हैं। बीजेपी मॉब लिंचिंग करने वालों का समर्थन करती है। टीएमसी और बीजेपी की राजनीति में कोई फर्क नहीं है।