चिट्ठी विवाद को लेकर बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और RJD नेता तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री व JD(U) चीफ नीतीश कुमार पर बुरी तरह बरसे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच ADG की चिट्ठी फाड़कर फेंकते हुए उन्होंने कहा है कि सीएम को आकर सूबे की जनता से माफी मांगनी चाहिए। वे आखिर कैसे कह सकते हैं कि भूल हो गई?
तेजस्वी के मुताबिक, एडीजी के इस लेटर में बिहार के श्रमिकों के लिए गुंडा, लुटेरा और अपराधी जैसे विशेषणों का इस्तेमाल किया गया है। ये चिट्ठी सरकार की ग़रीब विरोधी घृणित मानसिकता का परिचायक है। मुझे क्या! किसी को भी गुस्सा आएगा।
श्रम की महता और श्रमिकों की गरिमा को तार-तार करती नीतीश कुमार निर्देशित इस चिट्ठी का एक-एक अक्षर पढ़िए।बिहारवासी श्रमिको को गुंडा,लुटेरा और अपराधी जैसे विशेषणों से अलंकृत किया गया है।यह चिट्ठी सरकार की ग़रीब विरोधी घृणित मानसिकता का द्योतक है।मुझे क्या!किसी को भी ग़ुस्सा आएगा pic.twitter.com/yJxhJkMxpe
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 5, 2020
तेजस्वी ने इसके अलावा शनिवार को आरजेडी दफ्तर के बाहर नीतीश विरोधी बैनर भी लगाए। उनके मुताबिक, भाजपा के अधीन काम कर रहे नीतीश कुमार द्वारा बिहार के श्रमवीरों के संबंध में गृह विभाग से एक चिट्ठी जारी कराई, जिसमें श्रमिक भाइयों के बारे में बेहद अपमानजनक और अशोभनीय टिप्पणियां हैं। इस चिट्ठी में श्रमिकों को चोर, लुटेरा, गुंडा और अपराधी कहा गया है।
नकारा और निकम्मी बिहार सरकार की ग़रीबों के प्रति नफ़रती सोच को उजागर करने के लिए इस चिट्ठी के होर्डिंग को आज हमने पटना में लगाया।
सभी न्यायप्रिय साथियों से आह्वान करता हूँ कि श्रमिकों का अपमान करने वाली इस निर्दयी सरकार की ग़रीबों के प्रति घृणित सोच को गाँव-गाँव तक उजागर करें। pic.twitter.com/ozsaaFPbnx
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 6, 2020
बकौल तेजस्वी, “नकारा और निकम्मी बिहार सरकार की ग़रीबों के प्रति नफ़रती सोच को उजागर करने के लिए इस चिट्ठी के होर्डिंग्स को शनिवार को हमने पटना में लगाया। सभी न्यायप्रिय साथियों से आह्वान करता हूं कि श्रमिकों का अपमान करने वाली इस निर्दयी सरकार की ग़रीबों के प्रति घृणित सोच को गांव-गांव तक उजागर करें।”
दरअसल, बिहार में कुछ समय बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। तेजस्वी ने इलेक्शन से ऐन पहले बिहार पुलिस विभाग के ADG (विधि और व्यवस्था) अमित कुमार के खत को मुद्दा बनाकर सूबे में जेडीयू-बीजेपी की गठबंधन सरकार को घेरा है। इस खत में कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों की संख्या में बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों की वजह से राज्य में अपराध बढ़ने की आशंका जताई गई थी।
गैर-RJD नेताओं की बैठक, महागठंधन में मनमुटाव: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पांच दलों वाले महागठबंधन में शामिल हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर ‘एकला चलो’ की नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए आशंका जतायी कि इससे इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में, सत्तारूढ़ राजग का कड़ा मुकाबला करने की विपक्ष की कोशिशें कमजोर होंगी।
मांझी ने आधिकारिक आवास पर महागठबंधन के अन्य घटक दलों राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा और वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी से मुलाकात की, जिसके बाद अटकलें तेज हो गई हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को एक आभासी रैली कर भाजपा की ओर से चुनावी बिगुल फूंकने वाले हैं, ऐसे में मांझी ने इसी दिन प्रस्तावित राजद के ‘थाली बजाओ’ कार्यक्रम पर भी सवाल उठाए हैं। हालांकि मांझी ने महागठबंधन में किसी भी तरह की अनबन से इनकार किया है।
‘संकट में शाह की बिहार रैली राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश’: बिहार में अमित शाह की डिजिटल रैली से भाजपा के चुनावी बिगुल बजाने के एक दिन पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संकट के समय चुनाव अभियान चलाना राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि भले ही लोगों की जान जाए भगवा पार्टी की दिलचस्पी केवल चुनावी जीत में है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजग सरकार प्रवासी मजदूरों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। (PTI इनपुट्स के साथ)

