सांसद सुकांता मजूमदार को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल में पार्टी की कमान सौंप दी है। वहीं, दिलीप घोष को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। सुकांता मजूमदार ने पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष बनने के साथ साफ कर दिया है कि वह गलतियों को सुधारने पर काम करेंगे। दावा किया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन को देखते हुए ये बदलाव किया गया है।
मजूमदार की नियुक्ति पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के टीएमसी जॉइन करने के एक दिन बाद हुई है। आइए पहले जानते हैं कि आखिर कौन हैं सुकांता मजूमदार। सुकांता मालदा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ गोर बांगा में बोटनी (वनस्पति विज्ञान) के प्रोफेसर हैं। मजूमदार ने सिलीगुड़ी की यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ बंगाल से पीएचडी हासिल की थी। मजूमदार ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 15 से अधिक वैज्ञानिक पत्र प्रकाशित किए हैं जो उनके शोध पर आधारित थे।
टीएमसी सांसद को दी थी शिकस्त: सुकांता मजूमदार एक सक्रिय आरएसएस कार्यकर्ता हैं और उन्होंने टीएमसी उम्मीदवार अर्पिता घोष को 2019 के लोकसभा चुनाव में बलूरघाट सीट से 33 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त दी थी। मजूमदार की गिनती पार्टी के शांत नेताओं में की जाती है। वह विवादित और भड़काऊ बयान देने से हमेशा बचते हुए ही नजर आते हैं। विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने प्रचार का जिम्मा संभाला था और अक्सर पार्टी की सभाओं में मंच पर सुकांता मजूमदार भी नजर आते थे।
बीजेपी को इन चुनावों में पूर्ण बहुमत की उम्मीद थी, लेकिन चुनाव के नतीजों ने सबको हौरान कर दिया था। बीजेपी को 292 में से सिर्फ 77 सीटों पर ही जीत हासिल हुई थी। वहीं, टीएमसी को इन चुनावों में 213 सीटों पर जीत मिली थी। टीएमसी के नेताओं ने इस जीत का श्रेय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दिया था। इसके बाद दो लोकसभा सांसदों ने अपनी सीट सुरक्षित रखने के लिए विधायक का पद छोड़ दिया था। जबकि चार विधायकों ने बीजेपी छोड़कर टीएमसी जॉइन कर ली थी, जिसमें मुकुल रॉय भी शामिल थे। इस हिसाब से बीजेपी के पास 71 सीटें बची हैं।