खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल कम उम्र में ही लोगों को कई क्रॉनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज,ब्लड प्रेशर और मोटापा का शिकार बना रहा है। खराब खान-पान की वजह से लोगों को कम उम्र में ही नसों में कोलेस्ट्रॉल जमने की बीमारी भी होने लगी है जिससे दिल के रोगों का खतरा बढ़ रहा है। इन क्रॉनिक बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी है कि आप डाइट का ध्यान रखें और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं।
मैक्स हेल्थकेयर के एंडोक्रिनोलॉजी और मधुमेह के अध्यक्ष डॉ अंबरीश मिथल के मुताबिक इन क्रॉनिक बीमारियों से बचने के लिए TLC डाइट प्लान बेस्ट है। अमेरिका में हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक बेस्ट डाइट प्लान की सूची में टीएलसी डाइट को पांचवें स्थान पर रखा गया। अब सवाल ये उठता है कि टीएलसी डाइट क्या है और कैसे ये डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और वजन को कम करने में मददगार है।
टीएलसी डाइट (TLC diet) क्या है?
मोटापे की बढ़ती समस्या से निपटने और हृदय स्वास्थ्य में सुधार के लिए 1985 में नेशनल लंग्स, हार्ट एंड ब्रेन संस्थान द्वारा टीएलसी कार्यक्रम शुरू किया गया था। टीएलसी एक कार्यक्रम है जिसमें डाइट के साथ ही हेल्दी आदतों को अपनाने पर ज़ोर दिया जाता है जिनकी मदद से वजन कम करने पर, दिल की सेहत सुधारने और दिमाग को हेल्दी रखने पर बल दिया जाता है।
मोटापे की महामारी ने भारत को भी अपनी चपेट में ले लिया है। एनएफएचएस के (NFHS data) आंकड़ें बताते हैं कि 24 प्रतिशत भारतीय महिलाएं और 23 प्रतिशत भारतीय पुरुष मोटे हैं। पिछले तीन दशकों में भारत में मधुमेह की बीमारी तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा भारतीयों को कम उम्र में दिल के रोगों का खतरा भी अधिक रहता है। इन डाइट प्लान को अपनाकर डायबिटीज, मोटापा और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है।
टीएलसी डाइट प्लान में कौन-कौन सी चीजें हैं शामिल:
TLC डाइट प्लान में हेल्दी फैट्स को शामिल करें खराब कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहेगा:
टीएलसी डाइट प्लान में हेल्दी फैट को शामिल किया जाता है। हेल्दी फेट्स में नट्स जैसे काजू, बादाम और अखरोट का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है। संतृप्त वसा और ट्रांस-वसा LDL के स्तर को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं, जो कोरोनरी धमनी रोग के लिए खास तौर पर जिम्मेदार हैं। संतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि रेड मीट से परहेज करें। ट्रांस-वसा वाले फूड्स जैसे तले हुए स्नैक्स, कुकीज़ और डेसर्ट का डाइट में सीमित सेवन करें।
वजन कम करने के लिए कैलोरी पर कंट्रोल करें:
बढ़ते वजन को कंट्रोल करना चाहते हैं तो कैलोरी पर कंट्रोल करें। वजन को कंट्रोल करने के लिए पर्याप्त कैलोरी का सेवन करने का लक्ष्य रखें। कम कैलोरी का सेवन वजन को कंट्रोल करता है।
कार्बोहाइड्रेट और फाइबर का ध्यान रखें जिससे डायबिटीज कंट्रोल रहेगी:
टीएलसीपी डाइट प्लान के अनुसार रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से बचना चाहिए। आहार में घुलनशील फाइबर – 10 ग्राम से 25 ग्राम प्रति दिन होना चाहिए। फाइबर पानी में घुलनशील हो सकते हैं जो आंतों में एक जेल जैसा पदार्थ बनाते हैं जो वसा के अवशोषण को अवरुद्ध करने में मदद करता है। ये पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और डायबिटीज को भी कंट्रोल करते हैं। सेब, अमरूद, शकरकंद, जई, फलियां सभी घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं। अघुलनशील फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों में फूलगोभी,ब्रोकोली, मटर, हरी बीन्स और गेहूं शामिल है।
नमक का सेवन कम करें:
इस डाइट प्लान के मुताबिक डाइट में नमक का सेवन कम करें। नमक का कम सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर और दिल के रोगों का खतरा कम रहता है। टीएलसी प्लान के मुताबिक हर दिन 2.3 ग्राम नमक का सेवन करना पर्याप्त है। नमकीन स्नैक्स से परहेज करें और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के कम सोडियम संस्करण चुनें।
व्यायाम और वजन प्रबंधन
टीएलसी कार्यक्रम हर दिन कम से कम आधा घंटा मध्यम तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि की सिफारिश करता है। आधा घंटे की एक्सरसाइज वजन घटाने में मदद करती है।