हर साल अगस्त के पहले सप्ताह में वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जाता है। स्तनपान के महत्व और इसके लाभों के बारे में महिलाओं में जागरूकता बढ़ाने के लिए देश और दुनिया में एक सप्ताह को सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य मां और बच्चे दोनों की सेहत और कल्याण के लिए वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक को प्रोत्साहित करना है। साल 2018 में विश्व स्वास्थ्य सभा के एक प्रस्ताव में वर्ल्ड वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाने का समर्थन किया गया था।

इस साल की थीम है “आइए स्तनपान कराएं और काम करें काम, (Let’s make breastfeeding and work, work!)है। थीम के पीछे का विचार उन महिलाओं का समर्थन करना है जो काम करने के दौरान अपने बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग कराती हैं। इसका मकसद साफ है कि महिलाएं काम करती हैं तो भी बच्चे को दूध जरूर पिलाएं। अगर आप पहली बार मां बन रही है तो अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग कराएं। ब्रेस्ट फीडिंग कराने से आपका फिगर खराब नहीं होगा बल्कि आपकी और आपके बच्चे की सेहत दुरुस्त रहेगी।

फर्नांडीज अस्पताल, हैदराबाद में प्रमुख फिजियोथेरेपी और स्तनपान विशेषज्ञ,डॉ. लता बालासुंदरम ने बताया कि ब्रेस्ट फीडिंग कराने से बच्चे की सेहत को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और बच्चे की सेहत दुरुस्त रहती है। ब्रेस्ट फीडिंग कराने से मां की सेहत को भी बेहद फायदे पहुंचते हैं। ब्रेस्ट फीडिंग कराने से डिलीवरी के बाद मां की रिकवरी तेजी से होती है। बच्चे को दूध पिलाने से कैंसर जैसे रोगों से बचाव होता है और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली मां को पता होना चाहिए कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली मां अपने बच्चे को फीडिंग कराने के लिए कौन कौन से टिप्स को अपना सकती हैं।

  • बच्चे के जन्म देने के बाद मां को बच्चे के पास रहना चाहिए। स्तनपान कराने से मां और बच्चे की करीबी बढ़ती है जो रिश्ते को मजबूत बनाने में असरदार है।
  • जन्म के तुरंत बाद बच्चे को स्तनपान कराएं।
  • अपने बच्चे को अपने करीब रखें। जब आपका शिशु आपसे लिपटा हो, तब त्वचा का त्वचा से संपर्क हो तो आपके शिशु के लिए सुखदायक हो सकता है।
  • याद रखें कि बच्चे को दूध पिलाने से पहले बच्चे को कोई अन्य प्री-लैक्टियल फीड न दें।
  • शुरूआती दिनों में बच्चे को बार-बार दूध पिलाएं। बच्चे को भूख लग सकती है इसलिए उसे बार-बार दूध पिलाएं उसके लिए टाइम टेबल नहीं बनाएं।
  • बच्चे को एक ही ब्रेस्ट से दूध नहीं पिलाएं चाहे आपका बच्चा एक ही ब्रेस्ट से क्यों नहीं पीता हो। बच्चे को बार-बार दोनों ब्रेस्ट से पिलाएं।
  • आप बच्चे को जिस समय ब्रेस्ट फीडिंग करा रही हैं कोशिश करें उसी समय बच्चे को बोतल से फीडिंग नहीं कराएं।
  • बेहतर होगा कि स्तनपान के दौरान आप समय न देखें। अगर बच्चा देर तक दूध पीता है आराम से उसे ब्रेस्ट फीडिंग कराएं।
  • अपने बच्चे को हर बार दूध पिलाने के बाद या दूध पिलाने के बीच में भी डकार दिलाएं ताकि यह पता चले कि बच्चा आराम से दूध पी रहा है।