मोटापा तेजी से पनपने वाली बीमारी है जो कई क्रॉनिक बीमारियों का कारण भी है। मोटापा के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 4 मार्च को मोटापा दिवस मनाया जाता है। लोगों को मोटापा के दुष्परिणामों से अवगत कराने के लिए और मोटापे के प्रति जागरूकता फैलाने की ये एक अंतर्राष्ट्रीय पहल है। वर्ल्ड ओबेसिटी डे पर प्रकाशित वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक साल 2035 तक दुनियाभर की आधी आबादी मोटापे की शिकार हो सकती है।
मोटापा कंट्रोल करने में डाइट का अहम किरदार है। डाइट में मैदा का सेवन सेहत को बेहद खराब करता है। अक्सर हम भारतीयों की आदत होती है कि हम नाश्ते में ब्रेड का सेवन करते हैं। आप जानते हैं कि सफेद ब्रेड ना सिर्फ मोटापा का कारण बनती है बल्कि डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को भी बढ़ाती है।
कौन सी ब्रेड आंत की या पेट की चर्बी कम करती है:
दुनिया भर के अधिकांश घरों में ब्रेड एक प्रमुख खाद्य पदार्थ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके नाश्ते में इस्तेमाल होने वाली ब्रेड आपकी पेट की चर्बी पर असर डालती है। हाल के शोध के अनुसार साबुत अनाज वाली गेहूं की ब्रेड पेट की चर्बी या आंत की चर्बी को कम करने में असरदार साबित होती है।
गेहूं की ब्रेड कैसे पेट की चर्बी कम करती है रिसर्च में हुआ खुलासा:
प्लांट फूड्स फॉर ह्यूमन न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक ब्रेड का सेवन सेहत पर कैसे प्रभाव डालता है इसकी जांच करने के लिए 50 जापानी लोगों पर परीक्षण किया। 50 प्रतिभागियों का बॉडी मास इंडेक्स सामान्य 23.5 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर से अधिक था। इन प्रतिभागियों को दो समूहों में विभाजित किया गया था।
अध्ययन में शामिल एक समूह को परिष्कृत गेहूं की रोटी का सेवन करने के लिए कहा गया जबकि अन्य को साबुत अनाज वाली गेहूं की रोटी का सेवन करने के लिए कहा गया। 3 महीने के बाद एक्सपर्ट ने पाया कि जिन लोगों ने गेहूं की ब्रेड का सेवन किया उनकी आंत की चर्बी या पेट की चर्बी काफी कम हो गई थी। अध्ययन के परिणामों के मुताबिक गेहूं की ब्रेड का सेवन उन लोगों के लिए मददगार हो सकता है जो अपना वजन कम करना चाहते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक गेहूं की ब्रेड आंत की वसा और मोटापे को रोकने में योगदान दे सकती है।