पौष अमावस्या 2025, 19 दिसंबर को शुरू होकर 20 दिसंबर को समाप्त होगी। इस दिन स्नान-दान और पितरों का तर्पण करना शुभ माना जाता है। पितृ दोष से मुक्ति के लिए तर्पण, सूर्य को अर्घ्य और पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाना चाहिए। ब्राह्मणों को भोजन कराना भी लाभकारी है। इस दिन पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ करना चाहिए।