टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सबसे सफल बल्लेबाज हैं। उनके नाम टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन हैं। कोहली आईपीएल के पहले सीजन से ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए खेल रहे हैं। उनके बेहतरीन बल्लेबाजी के बावजूद टीम आज तक खिताब नहीं जीत सकी। कोहली के आरसीबी के साथ जुड़ने की कहानी दिलचस्प है। दिल्ली डेयरडेविल्स ने एक अतिरिक्त गेंदबाज को रखने के कारण कोहली को नहीं खरीदा। इस बात का खुलासा आईपीएल के पूर्व सीओओ सुंदर रमन ने किया।
इतना ही नहीं कोहली की जगह उनके दोस्त एबी डिविलियर्स को टीम में शामिल किया गया था। डिविलियर्स उस समय जबरदस्त फॉर्म में थे। दिल्ली के पास कोहली को खरीदने का मौका था। फैंस को लगा भी था कि दिल्ली की टीम लोकल खिलाड़ी के साथ जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके पीछे की कहानी को बताते हुए सुंदर रमन ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘दिलचस्प बात यह है कि नीलामी के एक महीने पहले ही भारत ने अंडर -19 विश्व कप जीता था। उनकी कप्तानी विराट कोहली ने की और हमने नीलामी के कुछ दिनों बाद अंडर -19 के खिलाड़ियों के लिए एक अलग ड्राफ्ट रखने का फैसला किया। हैरानी की बात थी कि कोहली ड्राफ्ट में चुने जाने वाले पहले खिलाड़ी नहीं थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली ने कोहली को नहीं खरीदा। फ्रैंचाइजी का कहना था कि उनकी टीम में वीरेंद्र सहवाग और एबी डिविलियर्स जैसे बल्लेबाज हैं ऐसे में उन्हें एक बल्लेबाज नहीं बल्कि गेंदबाज की जरूरत है। इसलिए दिल्ली ने बाएं हाथ के तेज गेंदबाज प्रदीप सांगवान को अपनी टीम में शामिल किया था। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने इस युवा खिलाड़ी को अपने साथ शामिल किया और उसके बाद बाकी एक इतिहास की तरह है।’’
आरसीबी ने कोहली पर दांव लगाया। इस टूर्नामेंट में भारतीय कप्तान के शुरुआती सीजन अच्छे नहीं रहे थे। धीरे-धीरे वे लय में लौटे और छा गए। कोहली ने 169 पारियों में 37 की औसत से 5412 रन बनाए हैं। दूसरी ओर, सांगवान आईपीएल में सिर्फ 39 मैच ही खेल सके। इस दौरान उन्होंने 35 विकेट लिए थे। उनका इकॉनमी रेट 8.79 का रहा था। सांगवान एक बार डोप टेस्ट में भी पकड़े गए थे। बीसीसीआई ने उनपर 15 महीने का बैन लगाया था। 2011 में दिल्ली की टीम को छोड़ने के बाद उनके करियर का ग्राफ नीचे ही गिरता चला गया।