Covid19: टोक्यो ओलंपिक 2020 टलना पहलवान नरसिंह पंचम यादव के वरदान साबित हुआ है। इससे उनके करियर को संजीवनी मिल गई है। नरसिंह का कहना है कि वे इस मौके का पूरा लाभ उठाएंगे। भारतीय कुश्ती महासंघ ने कह दिया है कि अगर नरसिंह टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने की कोशिश करेंगे तो उन्हें रोका नहीं जाएगा।
डोपिंग में दोषी पाए जाने के कारण नरसिंह पर 4 साल का प्रतिबंध लगा है। उनका यह प्रतिबंध 4 जुलाई को खत्म हो रहा है। यही वजह थी कि वे 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए थे। चूंकि अब कोविड-19 के चलते ओलंपिक अगले साल तक के लिए टल गए हैं। ऐसे में वे फिर से 74 किलो भार वर्ग में अपना दावा पेश कर सकते हैं। वैसे भी इस भार वर्ग में भारत अभी कोटा हासिल नहीं कर पाया है।
कुश्ती महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर ने बताया, ‘अगर नरसिंह हमारे पास आकर ओलंपिक में हिस्सा लेने की इच्छा जताते हैं, तो हम उन्हें रोकेंगे नहीं। हमने इस पर बात की है। उनका प्रतिबंध पूरा हो चुका है। वे वापसी कर सकते हैं।’
ओलंपिक टलने के बाद नरसिंह ने कहा, ‘मेरा हमेशा से यह विश्वास था कि मैंने गलत नहीं किया है तो मेरे साथ कुछ गलत नहीं होगा। सच की हमेशा जीत होती है। अब भगवान की कृपा से मुझे एक और मौका मिलने की उम्मीद है। मुझे लगता था कि मैं ओलंपिक खेल सकता हूं। पता नहीं क्यों, लेकिन हमेशा लगता था। मैं वापसी पर पूरा फोकस कर रहा हूं, ताकि टोक्यो में देश के लिए पदक जीत सकूं।’
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यह है मामला: बता दें, 2016 रियो ओलंपिक से पहले नरसिंह डोप टेस्ट में नाकाम रहे थे। इसके बाद राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) ने स्वीकार किया था कि उनके पेय पदार्थ में मिलावट की गई थी। उन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई भी किया, लेकिन ओलंपिक के रजत पदक विजेता सुशील कुमार ने ट्रायल की मांग की। सुशील ने नरसिंह को अदालत में भी घसीटा। रियो ओलंपिक में उनका मुकाबला शुरू होने से चंद घंटे पहले विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) की अपील पर खेल पंचाट ने उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया था।