सचिन तेंदुलकर आज यानी 24 अप्रैल 2020 को 47 साल के हो गए। उन्होंने कोरोनावायरस के कारण इस बार अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया है। सचिन तेंदुलकर ने कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में अहम योगदान देने वाले डॉक्टरों, नर्सों, मेडिकल स्टाफ, पुलिसर्किमयों, सैन्यर्किमयों और सफाईर्किमयों के सम्मान में यह फैसला किया है।
उनके इस फैसले पर फैंस उन्हें सैल्यूट कर रहे हैं। हो भी क्यों न। क्रिकेट के इस भगवान का प्रभाव सिर्फ क्रिकेट खेलने वाले देशों तक ही सीमित नहीं है। स्विट्जरलैंड के टेनिस स्टार रोजर फेडरर, जर्मनी के फॉर्मूला वन ड्राइवर माइकल शूमाकर या अमेरिकी गोल्फर टाइगर वुड्स हों या फिर अन्य गैर-क्रिकेट खेलने वाले देश के लोग भी तेंदुलकर की आभा से प्रभावित हैं।
कई साल पहले तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था, ‘मुझे क्रिकेट के बारे में पता नहीं है, लेकिन फिर भी मैं सचिन को खेलते देखने के लिए क्रिकेट देखता हूं, इसलिए नहीं कि मुझे उनका खेल बहुत पसंद है, क्योंकि मैं यह जानना चाहता हूं कि आखिर क्या कारण है कि जब वह बल्लेबाजी करता है तो मेरे देश का उत्पादन पांच प्रतिशत कम हो जाता है!’
ओबामा का यह संदर्भ अमेरिका में बसे उन भारतीय प्रवासियों के लिए था जो क्रिकेट, विशेष तौर पर जब सचिन तेंदुलकर की बात आती थी तो वे पागल हो जाते थे। तेंदुलकर के औरा का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जब ओबामा बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति भारत आए थे, तब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ओर से आयोजित डिनर के लिए आमंत्रित मशहूर हस्तियों की वीवीआईपी सूची में उनका नाम भी शामिल था।
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यही नहीं, सचिन और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज स्पिनर शेन वार्न के बीच भी टसल जगजाहिर है। हालांकि, 22 साल पहले आज ही के दिन शारजाह में मास्टर ब्लास्टर के सामने वे भी नतमस्तक हो गए थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उस वनडे में तेंदुलकर मैन ऑफ द मैच चुने गए। वे मैन ऑफ द सीरीज भी बने थे। मैच के बाद वार्न ने अपनी शर्ट निकाली और तेंदुलकर को उस पर ऑटोग्राफ देने के लिए कहा था। बाद में ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन कप्तान स्टीव वॉ ने कहा था कि उनकी टीम को भारत ने नहीं, बल्कि सचिन तेंदुलकर ने हराया।