इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की टीम चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) शुरू में वीरेंद्र सहवाग को अपना मार्की खिलाड़ी बनाना चाहती थी। ऐसा नहीं होने के बाद टीम ने महेंद्र सिंह धोनी को कप्तान बनाया। सहवाग के द्वारा दिल्ली फ्रैंचाइजी की ओर से खेलने की बात कहे जाने के बाद चेन्नई ने अपना प्लान बदल लिया। इस बात का खुलासा चेन्नई की शुरुआती टीम में शामिल दिग्गज बल्लेबाजसुब्रमण्यम बद्रीनाथ ने किया। उन्होंने यूट्यूब चैनल पर बातचीत में यह बात कही।

बद्रीनाथ ने कहा, ‘‘आईपीएल 2008 में शुरू हुआ था और अगर आप यह जानना चाहते हैं कि चेन्नई के लिए पहला ऑप्शन कौन थे, तो वो वीरेंद्र सहवाग थे। टीम मैनेजमेंट ने सहवाग को खरीदने का मन बना लिया था, लेकिन सहवाग ने खुद कहा कि वो दिल्ली में पले-बढ़े हैं तो टीम के साथ उनका कनेक्शन बेहतर होगा। मैनेजमेंट राजी हो गया कि वो दिल्ली के लिए ही खेलें। फिर नीलामी शुरू हुई। मैनेजमेंट ने यह देखा कि कौन बेहतर खिलाड़ी होगा। भारत ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप जीता था और तभी उन्होंने फैसला लिया कि वो धोनी को लेंगे।’’

सहवाग के फैसले के बाद ही चेन्नई ने धोनी को खरीदने का मन बनाया था। माही का अंतरराष्ट्रीय करियर उस समय 4 साल से भी कम था। धोनी तब से टीम के कप्तान हैं। उनके नेतृत्व में टीम तीन बार चैंपियन बनी। बद्रीनाथ ने कहा, ‘‘2008 में धोनी सबसे महंगे खिलाड़ी थे। चेन्नई ने उन्हें 6 करोड़ में खरीदा था। लोग इस स्टोरी के बारे में ज्यादा जानते नहीं हैं, लेकिन उन्हें सहवाग की जगह लिया गया था। मेरे हिसाब से धोनी का चेन्नई में आना एक तीर से तीन निशाने जैसा था।’’

बद्रीनाथ ने आगे कहा, ‘‘पहले तो वो दुनिया के बेस्ट कप्तान हैं और ऐसी कोई ट्रॉफी नहीं जो उन्होंने नहीं जीती हो। दूसरा ये कि वो बेस्ट फिनिशर हैं। टी20 मैचों में फिनिशर का रोल बहुत अहम होता है। मुंबई इंडियंस के पास कीरोन पोलार्ड है, कोलकाता नाइटराइडर्स के पास आंद्रे रसेल है और चेन्नई के पास धोनी हैं और तीसरा वो शानदार विकेटकीपर हैं। मैंने आज तक जितने भी विकेटकीपर देखें हैं, उनमें धोनी बेस्ट हैं।’’