भारत के खिलाफ सीरीज 1-2 से हार के बाद जस्टिन लैंगर के कंधे झुक गए हैं। लैंगर ने ने मंगलवार (19 जनवरी) के कहा कि उन्होंने इस झटके से बड़ा सबक सीखा है कि भारतीय टीम को कभी भी कमतर नहीं आंकना है। दूसरी ओर, टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने कहा कि यह अब तक का सबसे मुश्किल दौरा था। शास्त्री ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया दौरा अब तक का सबसे मुश्किल क्रिकेट दौरा रहा है। हम कोविड के दौर में खेल रहे थे और दूसरी तरफ सीरीज़ के दौरान खिलाड़ी घायल हो रहे थे।’’
शास्त्री ने कहा कि मुश्किल परिस्थितियों में अजिंक्य रहाणे शांत रहे और शानदार कप्तानी की। वहीं, लैंगर ने कहा ,‘‘यह बेहतरीन टेस्ट सीरीज थी। आखिर में एक हारता है और एक जीतता है। आज टेस्ट क्रिकेट जीता। हमें यह हार लंबे समय तक खलेगी। भारत को पूरा श्रेय जाता है। हमने इससे सबक सीखा है। पहली बात कि कभी किसी चीज को हलके में नहीं लेना और दूसरा यह कि भारतीयों को कभी कमतर नहीं आंकना। भारत की आबादी डेढ अरब है और अगर आप उसकी अंतिम एकादश में है तो वाकई काफी उम्दा और मजबूत खिलाड़ी होंगे।’’
लैंगर ने कहा कि एडीलेड में 36 रन पर आउट होने के बाद भारत की वापसी शानदार थी। खासकर जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जडेजा जैसे बड़े खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद। उन्होंने कहा,‘‘भारतीय टीम की जितनी तारीफ की जाए, कम है। पहले मैच में तीन दिन में हारने के बाद भी उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा और शानदार वापसी की। हमें बड़ा सबक मिला है और अब कभी भारत को हल्के में नहीं लेंगे। ऋषभ की शानदार पारी थी। मुझे हेडिंग्ले में बेन स्टोक्स की पारी याद आ गई। वह बेखौफ होकर खेला। शुभमन गिल ने भी अच्छी बल्लेबाजी की।’’
रवि शास्त्री ने कहा,‘‘यह सबसे कठिन दौरा था । इससे बढकर कुछ नहीं। 36 रन पर आउट होने के बाद यह अवास्तविक लगता है।पराजित होना अलग बात है लेकिन हार मानना हमारे शब्दकोष में नहीं है। क्रिकेट जगत इस प्रदर्शन को लंबे समय तक याद रखेगा।’’ विकेट के पीछे खराब प्रदर्शन के लिए आलोचना झेलने वाले पंत का बचाव करते हुए शास्त्री ने कहा,‘‘पंत जब से मैदान पर उतरा, उसकी नजरें लक्ष्य पर ही थी । वह स्कोर बोर्ड देख रहा था । वह अच्छा श्रोता है। एक कोच किसी का स्वाभाविक खेल नहीं बदल सकता, लेकिन आक्रामकता और सजगता के बीच संतुलन बिठाना होता है। आप गैर जिम्मेदार नहीं हो सकते। ऋषभ ने यह सीख लिया है।’’