World Cup 2023 का शेड्यूल बीते महीने जारी हो गया था। वनडे वर्ल्ड कप इस साल अक्टूबर से नवंबर के बीच होने वाला है। शेड्यूल के हिसाब से टूर्नामेंट का आगाज 5 अक्टूबर को होगा। ओपनिंग मैच के लिए अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम को चुना गया है।
टूर्नामेंट का पहला सेमीफाइनल 15 नवंबर को मुंबई में होगा। दूसरा सेमीफाइनल 16 नवंबर को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में होगा। फाइनल मैच 19 नवंबर (रविवार) को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में ही खेला जाएगा।
वरिष्ठ पत्रकार कूमी कपूर ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के अपने कॉलम ‘Inside Track’ में इस शेड्यूल पर संदेह व्यक्त किया है। उनका मानना है कि इस तरह का शेड्यूल शायद ही संयोग हो क्योंकि सभी प्रमुख प्रतियोगिताएं (ओपनिंग मैच, फाइनल मैच, भारत-पाकिस्तान मैच और इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया मैच) उस अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में ही होंगी, जो बीसीसीआई (Board of Control for Cricket in India) महासचिव और अमित शाह के बेटे जय शाह का गृह नगर।
कांग्रेस और आप नेता भी उठा चुके हैं सवाल
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने एक ट्वीट में तिरुवनंतपुरम को मैच की मेजबानी का मौका नहीं मिलने पर नाखुशी दर्ज कराई थी। उन्होंने लिखा था, “यह देखकर निराशा हुई कि तिरुवनंतपुरम का SportsHub, जिसे कई लोग भारत में सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट स्टेडियम मानते हैं, WorldCup2023 की सूची से गायब है। अहमदाबाद देश की नई क्रिकेट राजधानी बन रहा है, लेकिन क्या एक या दो मैच भी केरल में नहीं कराए जा सकते थे?”
पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह ने कहा कि मोहाली में मैच नहीं करने का फैसला “राजनीति से प्रेरित” है। बता दें कि नागपुर और मोहाली जैसे स्थानों को शेड्यूल में जगह नहीं मिला है। जबकि धर्मशाला और लखनऊ में पहली बार 50 ओवर के विश्व कप मैच होने वाले हैं।
दिख रहा है सत्ता का बदलता समीकरण
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में खेल पत्रकार देवेन्द्र पांडे ने लिखा है कि स्थानों का चयन भारतीय क्रिकेट बोर्ड के भीतर बदलते सत्ता समीकरणों को दर्शाता है। 2011 में जब भारत ने आखिरी बार 50 ओवर के विश्व कप की मेजबानी की थी, तब भारतीय क्रिकेट में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का दबदबा था, फाइनल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। हालांकि, 2019 में जय शाह को बीसीसीआई का सचिव चुने जाने के बाद अहमदाबाद भारतीय क्रिकेट की नई राजधानी बन गया।
बीसीसीआई कोषाध्यक्ष और भाजपा सांसद आशीष शेलार मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन से हैं। जबकि गुवाहाटी, उन तीन स्थानों में से एक है जो अभ्यास मैचों की मेजबानी करेगा। बीसीसीआई के संयुक्त सचिव देवजीत सैकिया गुवाहाटी के ही रहने वाले हैं।
बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि अगर सेमीफाइनल में भारत और पाकिस्तान का आमना-सामना होता है तो मैच मुंबई की बजाय कोलकाता में खेला जाएगा। “डर है कि राजनीतिक दल खेल को बाधित कर सकते हैं, इसलिए यदि भारत-पाकिस्तान सेमीफाइनल होता है, तो यह कोलकाता में खेला जाएगा। हालांकि, अगर भारत का मुकाबला किसी अन्य टीम से हुआ तो यह मुंबई में होगा”
गौरतलब है कि 1991 में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने भारत-पाकिस्तान मैच से पहले मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की पिच खोद दी थी। 2008 के मुंबई हमलों के बाद, शिव सेना शहर में पाकिस्तान के खेलने का विरोध करती रही है।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम में ही बड़े मैच क्यों?
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केरल क्रिकेट एसोसिएशन (KCA) के अध्यक्ष जयेश जॉर्ज का मानना है कि अहमदाबाद का स्टेडियम दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है। उसकी क्षमता अधिक है। पहले बड़े मैचों के लिए ईडन गार्डेन्स पहली पसंद हुआ करता था क्योंकि इसमें 60,000-70,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। अब क्योंकि अहमदाबाद में सबसे अच्छी सुविधा है और दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है, तो निश्चित रूप से अधिक मैच वहां होंगे। बता दें कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम में लोगों के बैठने की क्षमता लगभग 132,000 है।
भारत पहली बार अकेले कर रहा है मेजबानी
भारत अब तक तीन बार वनडे वर्ल्ड कप की मेजबानी कर चुका है। लेकिन इस बार यह पहला मौका है जब भारत किसी अन्य देश की मदद के बिना टूर्नामेंट को होस्ट करेगा। पहले तीनों बार भारत ने क्रमश: पाकिस्तान , पाकिस्तान और श्रीलंका, श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ मिलकर वनडे वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी।
कूमी कपूर के अन्य उदाहरण
वरिष्ठ पत्रकार कूमी कपूर लिखती हैं, “राजनीति और क्रिकेट का कॉकटेल बनना आम है। पिछले साल तक अपने गृह राज्य राजस्थान के लिए खेलने वाले रवि बिश्नोई क्रिकेट और राजनीति के बीच फंस गए थे। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत चाहते थे कि वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उनके साथ रहें। बिश्नोई ने जय शाह के क्रोध के डर से मना कर दिया, जिसके बाद उन्होंने खुद को राजस्थान रणजी ट्रॉफी से बाहर पाया।”
कपूर आगे लिखती हैं, “वह मौजूदा सीज़न के लिए गुजरात चले गए और उन्हें वेस्टइंडीज दौरे के लिए चुना गया। इसी तरह यूपी के दो अन्य होनहार खिलाड़ी, पीयूष चावला और आरपी सिंह, बेहतर अवसर की उम्मीद में गुजरात चले गए।”
राजीव शुक्ला अपवाद
कूमी कपूर लिखती हैं, “एक राजनेता जो प्रतिद्वंद्वी खेमों को सफलतापूर्वक मात देने में सफल रहे, वे हैं कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला। वह बीसीसीआई के उपाध्यक्ष है और अभी भी सीएम योगी आदित्यनाथ की आपत्ति के बिना, यूपी क्रिकेट पर हावी हैं।”