केला एक ऐसा फल है जिसे एनर्जी का पावरहाउस कहा जाता है। दिन की शुरूआत इस फल के साथ की जाए तो सेहत को कई तरह के फायदे होते हैं। केला सेहत के लिए बेहद उपयोगी फल है लेकिन सवाल ये उठता है कच्चा या पक्का, कौन से केले का सेवन करना सुबह फायदेमंद होता है। केला कई तरह का होता है, हरा केला, पीला केला, चित्तीदार केला, ब्राउन केला। केला कई बीमारियों का उपचार करता है। केला का सेवन क्या डायबिटीज के मरीज कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि किस तरह के केले का सेवन सेहत को फायदा पहुंचाता है।

डायबिटीज के मरीज है तो इस तरह का केला खाएं:

यदि आप डायबिटीज के मरीज (diabetic)हैं, तो आपको हरा, थोड़ा कच्चा केला खाना चाहिए। हरा और थोड़ा कच्चा केला प्रतिरोधी स्टार्च (resistant starch) से भरपूर होता है जो डायबिटीज के मरीजों में घुलनशील फाइबर (soluble fibre) की तरह काम करता है। इस प्रतिरोधी स्टार्च के ग्लूकोज में परिवर्तन होने को पकना (ripening) कहा जाता है। कच्चे केले में एक सब्जी के सभी गुण मौजूद होते हैं।

कच्चे केले में ग्लूकोज की मात्रा कम होती है जिससे ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा नहीं रहता। बहुत से लोग नहीं जानते कि फाइबर शरीर में बैक्टीरिया का भोजन है। दरअसल कच्चा केला में फाइबर भरपूर होता है, यही कारण है कि ये सेहत के लिए फायदेमंद है। Nutrition Research में जून 2018 की समीक्षा से पता चलता है कि प्रतिरोधी स्टार्च का कोलेस्ट्रॉल और खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल पर भी कम प्रभाव पड़ता है। पेक्टिन कच्चे केले में पाया जाने वाला एक और स्वस्थ फाइबर है, जो भूख को शांत करता है और ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है।

कच्चे केले के लिए सेहत को फायदे:

न्यूकैसल और लीड्स विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों के मुताबिक कच्चा केले का सेवन कई आनुवांशिक बीमारियों का उपचार होता है। इसका सेवन करने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से वजन कंट्रोल रहता है। इसका सेवन करने से कैंसर का खतरा कम होता है। कच्चा केले का सेवन दिल के रोगों से बचाव करता है। इसे खाने से हड्डियां मजबूत होती है। रोजाना सुबह कच्चा केला खाने से इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है।

पीले केले का सेवन कौन कर सकता है:

अगर आपको डायबिटीज की बीमारी नहीं है तो आप पीले केले का सेवन कर सकते हैं। पीला यानि पका हुआ केला फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने से बचाता है। पके हुए केला की स्किन पर भूरे रंग के धब्बे हो जाते हैं, जो चीनी में परिवर्तित स्टार्च की मात्रा को दर्शाते है। जिस केले में जितने अधिक धब्बे होंगे, उसमें चीनी की मात्रा उतनी ही अधिक होगी। चित्तीदार स्किन वाले केले में फाइबर के अलावा तीन तरह की नैचुरल शुगर- सुक्रोज, फ्रुक्टोज और ग्लूकोज होती हैं। पके हुए केले में ट्रिप्टोफैन का उच्च स्तर होता है जो सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाता है। यह विटामिन बी 6 से भरपूर होता है, जो महिलाओं में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षणों को कम करता है।