आंत की सेहत (Gut Health) का दुरुस्त होना बेहद जरूरी है। आंत का काम भोजन को पचना, पोषक तत्वों का अवशोषण और अपशिष्ट का सही तरह से बॉडी से बाहर निकलना है। आंत की सेहत का सीधा असर हमारे इम्यून सिस्टम, मानसिक स्वास्थ्य और संपूर्ण शरीर पर पड़ता है। बॉडी के इस जरूरी अंग की देखभाल करना बेहद जरूरी है। आंत की सेहत को दुरुस्त करने के लिए डाइट का ध्यान रखना और तनाव को कंट्रोल करना बेहद उपयोगी है। आंतों को हेल्दी रखने में दो तरह के फूड दवा का काम करते हैं।
- फाइबर रिच फूड्स जैसे साबुत अनाज, फल, सब्जियां और दालें आंतों की सफाई में मदद करते हैं।
- प्रोबायोटिक्स फूड जैसे दही, छाछ, अचार, किमची, केफिर आंत में गुड बैक्टीरिया बढ़ाते हैं। अगर आंत में गुड बैक्टीरिया बढ़ेंगे तो आंत में खराब और गुड बैक्टीरिया का संतुलन बना रहेगा और आंत हेल्दी रहेगी।
फर्मेंटेड फूड क्या हैं?
फर्मेंटेड फूड यानी ऐसे फूड जो प्राकृतिक रूप से किण्वन (fermentation) की प्रक्रिया से बनते हैं। इस प्रक्रिया में अच्छे बैक्टीरिया (प्रोबायोटिक्स) तैयार होते हैं, जो हमारे पाचन तंत्र और आंतों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
आंत के लिए फर्मेंटिड फूड लिस्ट
फूड | फायदे |
दही | सबसे आसान और असरदार प्रोबायोटिक; गैस, अपच और एसिडिटी में फायदेमंद |
छाछ (मठ्ठा) | ठंडक देता है, पाचन सुधरता है, लू से भी बचाव |
अचार (नेचुरल फर्मेंटेड) | प्राकृतिक बैक्टीरिया से भरपूर (कम मात्रा में लेना चाहिए) |
किमची / सौकरकूट (Sauerkraut) | फाइबर और प्रोबायोटिक्स से भरपूर; वजन घटाने और इम्यून सिस्टम में मदद |
इडली, डोसा का बैटर | दक्षिण भारतीय भोजन का हिस्सा – आंत के लिए हल्का और पचने में आसान |
कंबुचा (Kombucha) | फर्मेंटेड टी, आंत के बैक्टीरिया को बैलेंस करने में मदद करता है |
कंज़ी (काले गाजर या चावल की) | पारंपरिक भारतीय ड्रिंक जो प्रोबायोटिक्स से भरपूर होती है |
फर्मेंटेड फूड के सेहत के लिए फायदे
फर्मेंटेड फूड का सेवन करने से पाचन में सुधार होता है। फर्मेंटेशन से बनने वाले प्रोबायोटिक्स आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं। इन फूड्स को खाने से पेट की गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से निजात मिलती है। इन फूड्स का सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। ये फूड इम्यूनिटी में सुधार करके आंत को हेल्दी बनाते हैं। इन फूड्स का सेवन करने से विटामिन और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है। ये गुड बैक्टीरिया मेंटल हेल्थ में भी सुधार करते हैं। इनका सेवन करने से तनाव, एंग्जायटी और डिप्रेशन से बचाव होता है। फर्मेंटेड फूड आंत की परत की सूजन को कंट्रोल करते हैं। ये फूड लैक्टोज इंटॉलरेंस वाले लोगों को भी फायदा पहुंचाते हैं।
फर्मेंटेड फूड्स खाते समय इन बातों का रखें ध्यान
रोज खाएं
vogue के मुताबिक फर्मेंटेड फूड तभी असर करते हैं जब आप उन्हें नियमित रूप से रोज खाते हैं। इन्हें कभी-कभार चीट मील की तरह नहीं, बल्कि रोज़ाना की ज़रूरत समझें। जिस तरह से हम विटामिन को बॉडी की जरूरत समझते हैं उसी तरह इन फूड्स को भी आंत की जरूरत समझें और रोज इन्हें खाएं।
अलग-अलग चीज़ें खाएं
फर्मेंटिड फूड्स की लिस्ट काफी लम्बी है इसलिए इनका चयन आप विविधता में करें। सिर्फ दही या अचार तक खुद को सीमित न करें। जितनी विविधता फर्मेंटेड फूड में, उतनी ही विविधता आपकी आंत में अच्छे बैक्टीरिया की होगी जो आपकी आंत को फायदा पहुंचाएगी।
दवाइयों का ध्यान रखें
अगर आप ब्लड प्रेशर या कैल्शियम जैसी दवाएं खा रहे हैं तो उन दवाओं का सेवन फर्मेंटेड फूड से थोड़ा अलग समय पर करें। इन फूड्स और दवाओं में कम से कम 2 घंटे का अंतर रखें।
प्रेग्नेंसी में सावधानी बरतें
कंबुचा और कुछ फर्मेंटेड ड्रिंक्स में हल्की मात्रा में कैफीन या अल्कोहल हो सकता है। अगर आप प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं तो कुछ भी लेने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
अगर पेट संवेदनशील हो तो धीरे-धीरे करें सेवन शुरू
अगर आपको एलर्जी, IBS (इरिटेबल बाउल सिंड्रोम) या हिस्टामिन इन्टॉलरेंस है तो फर्मेंटेड फूड धीरे-धीरे खाना शुरू करें और देखें कि इन्हें खाने से शरीर कैसे रिस्पॉन्ड करता है।
अपने सेंस पर भरोसा करें
अगर फर्मेंटेड फूड की बू अजीब लगे,रंग बदल जाए या स्वाद गड़बड़ लगे तो उसका सेवन करने से परहेज करें।
अपने पेट की सुनें
जब आप लगातार फर्मेंटेड फूड का सेवन करेंगे तो आपके गट में गुड बैक्टीरिया तेजी से बढ़ेंगे जो आपकी बॉडी में कई तरह का बदलाव करेंगे। इन फूड्स का सेवन करने से आप एनर्जेटिक महसूस करेंगे। इम्यूनिटी मजबूत होगी और आपका मूड भी खुश रहेगा।
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