मौसम बदलते ही दिल्ली एनसीआर की हालत और हवा दोनों ही बदतर होती जा रही है। चारों तरफ जहरीली हवाओं का धुंध छाया हुआ है ऐसी हवा में सांस लेकर सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। हवा इतनी ज्यादा ज़हरीली हो चुकी है कि AQI 400 को पार कर चुका है जो खतरनाक स्तर है। WHO और UNISEF के मुताबिक भारत में एयर पॉल्यूशन का स्तर काफी गंभीर है जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए सबसे बड़ा खतरा है। जहरीली हवा तेजी से बच्चों के लंग्स पर हमला करती है जिससे उनके फेकड़ें कमजोर हो जाते हैं। ये जहरीली हवा बच्चों को अस्थमा का भी शिकार बना सकती है।

इस जहरीली हवा के लिए फैक्टीरियों और गाड़ियों से निकलने वाला प्रदूषण जिम्मेदार है। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। प्रदूषण की वजह से आंखों में लाली और दर्द,एलर्जी, नाक में दर्द,छींके और सिर दर्द की परेशानी बढ़ रही है। प्रदूषण की वजह से अस्थमा के मरीजों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

कंसल्टेंट फीजिशियन,डॉक्टर अमरेंद्र कुमार झा ने बताया कि दिल के मरीजों के लिए भी ये बढ़ता प्रदूषण बेहद खराब है। इस मौसम में जहरीली हवाओं में सांस लेने से राइट हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है। हवा में मौजूद दूषित गैसे जैसे कार्बन मोनो डाई ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी गैसे सांसों के जरिए बॉडी में प्रवेश करके कई तरह की दिक्कतें पैदा करती हैं। सुबह के समय ये प्रदूषण ज्यादा होता है ऐसे में कुछ समय हवा के संपर्क में रहने से आंखों में जलन,सिर दर्द,एलर्जी, सांस लेने में तकलीफ जैसी परेशानियां होने लगती हैं। प्रदूषित हवा में सांस लेने से नीमोनिया के लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

लम्बे समय तक दूषित हवा में सांस लेने से हवा के क्रोनिक इफेक्ट दिखने लगते हैं। अस्थमा के मरीजों की परेशानी इस कंडीशन में बदतर हो सकती है। प्रदूषण की वजह से नर्व की प्रोब्लम भी होने लगती है। प्रदूषण की वजह से नसों में सूजन और नसों में सुन्नपन की शिकायत हो सकती है। बढ़ते प्रदूषण से बचाव करके ही आप इन सब बीमारियों के जोखिम से बच सकते हैं। आइए जानते हैं कि प्रदूषण से कैसे बचाव करें।

चेहरे पर मास्क जरूर लगाएं

प्रदूषण से बचाव करने के लिए आप चेहरे पर मास्क जरूर लगाएं। मास्क में आप N90 और N95 मास्क का ही इस्तेमाल करें। N95 हवा में मौजूद छोटे-छोटे धूल के कण से आपकी हिफ़ाजत करता है। इसके अलावा आप PM 2.5 का मास्क भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ये मास्क 65-90 फीसदी तक धूल मिट्टी के कणों से बचाव करता है।

बच्चों की करें हिफ़ाज़त

प्रदूषण का असर बच्चों की सेहत को बेहद प्रभावित करता है। प्रदूषण बच्चों की इम्युनिटी को कमजोर कर देता है और उनके बीमार होने के आसार ज्यादा होते हैं। बढ़ता प्रदूषण बच्चों में सर्दी-जुकाम, अस्थमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ाता है। बच्चों को घर में रखें। उनकी आउट डोर एक्टिविटी को कुछ दिनों के लिए बंद कराएं और उनकी डाइट का ध्यान रखें।

आंखों का बचाव करें

प्रदूषण से आंखों का बचाव करने के लिए आर्टिफिशियल टीयर्स ड्रॉप्स का उपयोग करें। घर से बाहर निकलें तो आंखों पर चश्मा जरूर लगाएं। चश्मा लगाने से हानिकारक कण आंखों में प्रवेश नहीं करेंगे और आपको आंखों में जलन,एलर्जी और दर्द की परेशानी नहीं होगी।

पानी का सेवन अधिक करें

प्रदूषण से बचाव करने के लिए पानी ज्यादा पिएं। पानी का अधिक सेवन करने से बॉडी हाइड्रेट रहती है। पानी ज्यादा पीने से बलगम पतला होता है और सांस लेने में होने वाली दिक्कत भी दूर होती है।

प्रदूषण से बचाव के लिए योग करें

योग गुरु बाबा रामदेव के मुताबिक प्रदूषण से बचाव करने के लिए और प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों से बचाव करने के लिए रोज़ाना योग करें। कपालभाति प्राणायाम,भुजंगासन और भस्त्रिका प्रणायाम करें।