राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। इस बीच कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) ने राजस्थान की भरतपुर विधानसभा सीट के लिए तैयारी कर ली है। यह इकलौती सीट है जहां आरएलडी वर्तमान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। मौजूदा आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग ने 2018 में कांग्रेस के समर्थन से इस सीट पर जीत प्राप्त की थी। आरएलडी ने दो सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और भरतपुर जीता था। दूसरी सीट मालपुरा पर उसका प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहा था। सुभाष गर्ग वर्तमान में तकनीकी शिक्षा, आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं।
सुभाष गर्ग पहले कांग्रेस कार्यकर्ता थे। 2018 में भरतपुर से अशोक गहलोत के सामने चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त करने के बाद कांग्रेस ने निर्वाचन क्षेत्र में जाट मतदाताओं के प्रभाव को देखते हुए आरएलडी को सीट दे दी। इसके बाद सुभाष गर्ग को आरएलडी उम्मीदवार बनाया गया और उन्होंने जीत हासिल की।
भाजपा ने इस सीट से विजय कुमार बंसल को मैदान में उतारा है, जो 2018 में सुभाष गर्ग से 15,710 वोटों से हार गए थे। विजय बंसल के लिए राहत की बात यह है कि भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष गिरिधारी तिवारी (जो टिकट नहीं मिलने पर बागी हो गए थे और निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल किया था) ने अपना पर्चा वापस ले लिया है।
गिरिधारी तिवारी ने कहा, “मुझे एहसास हुआ कि मैं जीतने की स्थिति में नहीं हूं। मैंने अपना नामांकन वापस ले लिया है, ताकि भाजपा को मजबूत करने में मेरे वोट बर्बाद न हों।” 2018 में गिरिधारी तिवारी ने एक पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त पार्टी भारत वाहिनी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और 37,159 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। ये भाजपा के उम्मीदवार से केवल 1,752 कम था।
कांग्रेस की अपनी समस्याएं हैं। भरतपुर जिले के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश कुमार (भरतपुर नगर निगम के निवर्तमान डिप्टी मेयर हैं) पिछले महीने पार्टी छोड़ने के बाद बागी हो गए हैं और बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। एक जाट के रूप में उन्हें ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जो कांग्रेस गठबंधन को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है।
स्थानीय आरएलडी नेता यूपी के मथुरा और आगरा जिलों के जाट नेताओं और मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं, जिनके परिवार भरतपुर में सीमा पार हैं ताकि उनके माध्यम से भरतपुर के मतदाताओं से अपील जारी की जा सके। यूपी के वरिष्ठ आरएलडी नेता दिवाली खत्म होने के साथ ही अब राजस्थान में भी प्रचार में जुटेंगे।
आरएसएस की भरतपुर इकाई ने हाल ही में बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में एक बैठक की थी। वीएचपी और विद्या भारती जैसे अन्य आरएसएस सहयोगियों ने भरतपुर में विद्या भारती द्वारा संचालित सभी पांच आदर्श विद्या मंदिर स्कूलों के वार्षिक समारोहों को आगे बढ़ाया। छात्रों के माता-पिता को संबोधित करने के दौरान उन्होंने अपील की कि वे यह न पूछें कि उम्मीदवार कौन है, बल्कि वोट दें भाजपा, ताकि देश हित में ‘राम भक्त सरकार’ बने। आमतौर पर इन स्कूलों के वार्षिक समारोह जनवरी-फरवरी में आयोजित किए जाते हैं।
राजस्थान के विहिप प्रांत सेवा प्रमुख (राज्य प्रमुख) नरेश चंद खंडेलवाल ने कहा, “हमने उनसे अपील की कि राज्य को एक राम भक्त सरकार की जरूरत है जो राष्ट्र के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हो।” चंद खंडेलवाल ने अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में राम लला की मूर्ति की स्थापना समारोह के निमंत्रण के रूप में पूरे राजस्थान में वितरण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से कलश में अक्षत इकट्ठा करने के लिए अयोध्या का दौरा किया था। 22 जनवरी को चंद खंडेलवाल ने कलश को विहिप के जयपुर कार्यालय में पहुंचाया, जहां से इसे दिसंबर-जनवरी में राज्य भर में वितरित किया जाएगा।