Rajasthan Assembly Elections: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को भी चुनावी मैदान में उतारा है। उन्हें सवाई माधोपुर से टिकट मिला है। टिकट मिलने के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा था कि बीजेपी जो भी फैसला लेती है अच्छा ही लेती है।

सवाई माधोपुर से टिकट मिलने के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने क्या कहा था?

टिकट मिलने के बाद सांसद किरोड़ी लाल मीणा पूरे एक्टिव मूड में दिखे। कांग्रेस पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा था कि राजस्थान में कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार इस चुनाव के सबसे बड़े मुद्दे हैं। कई घोटालों के जरिए कांग्रेस के नेता देश का पैसा डकार गए। मीणा ने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन, खान घोटाला, आईटी घोटाला, पेपर लीक मामलों का सहारा लेते हुए नेताओं ने जनता का हजारों करोड़ रुपये गायब कर दिया। मीणा ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने अपने मंत्रियों और विधायकों को तो बचा लिया, लेकिन बीजेपी की सरकार ऐसा नहीं होने देगी। दोषियों को जेल में डाला जाएगा।

राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा की क्या भूमिका है?

राजस्थान की राजनीति में लम्बे समय से छाए रहने वाले किरोड़ी लाल मीणा जनजातीय समूह का नेतृत्व करते हैं। राजस्थान में सत्ता दिलवाने और सत्ता से बेदखल करने में इस आबादी की बड़ी भूमिका होती है, क्योंकि राजस्थान की कुल आबादी का लगभग 13.5 प्रतिशत जनजातीय आबादी है और उनमें से 6 प्रतिशत आबादी मीणा समुदाय की है। इसलिए सभी पार्टियों के लिए इनका वोट महत्वपूर्ण माना जाता है।

किरोड़ी लाल मीणा राजस्थान के मीणा समुदाय का प्रतिनिधित्व करते है। मीणा लम्बे समय से बीजेपी से जुड़े रहे। बीच में बीजेपी छोड़ी, लेकिन बाद में फिर बीजेपी में शामिल हो गए। वर्तमान में वह बीजेपी से राजस्थान कोटे से राज्यसभा सांसद हैं।

किरोड़ी लाल मीणा का जन्म और परिवार-

किरोड़ी लाल मीणा का जन्म 3 नवंबर, 1951 को राजस्थान के दौसा जिले के एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मनोहर लाल मीणा और माता का नाम फूला देवी था। उनके पिता पेशे से एक किसान थे। उनकी पत्नी का नाम गोलमा देवी है। उनकी पत्नी सक्रिय राजनीति में हैं। वह दो बार विधायक भी चुनी गई। एक बार कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में मंत्री भी बन चुकी हैं, लेकिन विचारधारा के मुद्दे पर उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। साल 2008 में गोलमा देवी दौसा जिले के महुआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और बाद में मंत्री बनी। राज्य में हुए 2013 चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की किरोड़ी लाल मीणा हिन्दू हैं और मीणा जाति से आते हैं।

किरोड़ी लाल मीणा की शिक्षा और राजनीति में एंट्री-

किरोड़ी लाल मीणा की प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में ही हुई। उसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए बीकानेर चले गए। उन्होंने साल 1977 में सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, बीकानेर (राजस्थान) से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। मेडिकल के स्टूडेंट रहें श्री मीणा शुरूआती दिनों में दो वर्ष तक मेडिकल प्रैक्टिस भी कर चुके है। मगर बाद में वह डॉक्टरी छोड़कर सक्रिय राजनीति में कूद गए। बताया जाता है किरोड़ी लाल मीणा का सक्रिय राजनीति में आना 1980 के दशक में हुआ था, हालांकि उससे पहले वह संघ से जुड़े हुए थे।

वसुंधरा से खटास के बाद बीजेपी से बाहर हो गए, फिर वापसी

शुरूआती दिनों की राजनीति में वह भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्त्ता रहे। उन्होंने बीजेपी के टिकट पर जीत भी दर्ज की मगर 2008 में जब जनता के बीच उनकी राजनीतिक पकड़ शीर्ष पर थी, तब वसुंधरा राजे से उनकी खटास हो गई। जिसके चलते उन्हें बीजेपी से बाहर जाना पड़ा। इसके बाद वो पीए संगमा की पार्टी नेशनल्स पीपुल्स पार्टी का हिस्सा बन गए।

राजस्थान में हुए 2013 के चुनाव में उन्होंने 150 उम्मीदवार खड़े किये थे। मगर उनमें से केवल चार ही जीत पाए। 10 वर्ष बाद 2018 में उनकी फिर से घर वापसी हुई और उन्होंने फिर से बीजेपी ज्वाइन कर ली। बीजेपी में आते ही पार्टी ने उन्हें राजस्थान से राजसभा सांसद बनाकर दिल्ली भेज दिया। किरोड़ी लाल मीणा लंबे समय से संघ और बाद में बीजेपी से जुड़े रहे थे (बीच के दस वर्ष छोड़कर) इसलिए पार्टी उन्हें राज्य की राजनीति से ऊपर राज्यसभा भेजा।