मध्य प्रदेश की झाबुआ विधानसभा सीट पर 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी भानु भूरिया को जिताने को लेकर मंगलवार (15 अक्टूबर) को नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की एक कथित अपील पर विवाद खड़ा हो गया। बता दें कि उन्होंने एक सभा में ‘वादा’ किया कि भाजपा प्रत्याशी के ज्यादा से ज्यादा मतों से जीतने की स्थिति में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान दीपावली के बाद सूबे के मुख्यमंत्री पद की एक बार फिर शपथ ले लेंगे।
शिवराज सिंह को सीएम बनाने के लिए की अपीलः भार्गव ने झाबुआ में भाजपा के आयोजित युवा सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज की मंचीय मौजूदगी में कहा, ‘शिवराज सिंह चौहान आप सबके मामा (शिवराज का लोकप्रिय उपनाम) हैं। सारे नौजवान एक बार हाथ उठाकर बताएं कि क्या आप शिवराज को दोबारा मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं?’ जब भार्गव के इस सवाल का वहां मौजूद लोगों ने हाथ उठाते हुए ‘हां’ कहकर जवाब दिया, तो नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘..तो मैं आपसे वादा करता हूं कि दीवाली के बाद उनकी (शिवराज की) शपथ हो जाएगी, बशर्ते आप भानु भूरिया को ज्यादा से ज्यादा मतों से विजयी बनाएं।’
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विपक्ष ने बयान का किया विरोधः सूबे में सत्तारूढ कांग्रेस ने भार्गव के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, “ऐसे वक्त जब झाबुआ में चुनावी आदर्श आचार संहिता लागू है, नेता प्रतिपक्ष ने कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस की चुनी हुई सरकार को गिराए जाने के साफ संकेत दिए हैं। निर्वाचन आयोग को चाहिए कि मतदाताओं को बरगलाने के इस सार्वजनिक दुस्साहस पर कड़ा रुख अपनाए और भार्गव के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कराया जाए।’
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विरोध के बाद नेता ने दी सफाईः बता दें कि बयान को लेकर विवाद बढ़ने पर भार्गव को सफाई देनी पड़ी। उन्होंने मंगलवार (15 अक्टूबर) की रात को इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘यह सामान्य परिप्रेक्ष्य में दिया गया एक चुनावी बयान था। इसके और मायने नहीं निकाले जाने चाहिए।’ उन्होंने कहा कि भाजपा के पास फिलहाल विधायकों की वह संख्या ही नहीं है, जिसके आधार पर वह सदन में बहुमत सिद्ध कर राज्य में अपनी सरकार बना सके।
राज्य में होंगे 21 अक्टूबर को उपचुनावः मामले में भार्गव ने कहा, ‘दरअसल, मुझे ऐसे मामलों (राज्य में सरकार गठन कर मुख्यमंत्री चयन) में बयान देने का कोई अधिकार ही नहीं है, क्योंकि ऐसे निर्णय हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं।’ बता दें कि झाबुआ विधानसभा सीट पर 21 अक्टूबर को उपचुनाव होगा और मतगणना 24 अक्टूबर को होगी। वहीं कांग्रेस ने प्रदेश से पांच बार लोकसभा सदस्य रहे कांतिलाल भूरिया (68) के रूप में चुनावी मैदान में एक बड़ा चेहरा उतारा है। उधर, भाजपा ने उनके खिलाफ अपने युवा प्रत्याशी भानु भूरिया (36) को पेश किया है। भानु पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वह वर्तमान में भारतीय जनता युवा मोर्चा के झाबुआ जिले के अध्यक्ष हैं।
