पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं। इनके हिसाब से अगर इस वक्त लोकसभा चुनाव होते हैं तो भाजपा को काफी ज्यादा नुकसान होने का अंदाजा है। वहीं, राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस पार्टी की वापसी होने का अनुमान है। इस आकलन के हिसाब से भाजपा को 16 राज्यों की 422 सीटों में से 155-165 सीटें ही मिलेंगी। ऐसे में पार्टी को करीब 120 सीटों का नुकसान होगा। अनुमान है कि कांग्रेस इन राज्यों में गठबंधन करके 145-150 सीटें जीत सकती है।
पांचों विधानसभाओं में इतनी लोकसभा सीटें
विश्लेषकों के मुताबिक, इन पांचों विधानसभाओं के अंतर्गत 83 लोकसभा सीटें आती हैं। इसके तहत मध्यप्रदेश में 29, छत्तीसगढ़ में 11, मिजोरम में एक, राजस्थान में 25 और तेलंगाना में 17 लोकसभा सीटें हैं।
अगर चुनाव हुए तो भाजपा को मिलेंगी इतनी सीटें
विश्लेषकों का मानना है कि वर्तमान स्थिति के हिसाब से चुनाव हुए तो बीजेपी को पांचों विधानसभाओं की लोकसभा में 25 सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। 2013 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 83 में से 63 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इन 5 राज्यों के ट्रेंड के जरिए देश के उन 11 राज्यों का भी आकलन करें, जहां 2014 में भाजपा (बिहार, यूपी, महाराष्ट्र एनडीए के घटक भी थे) को 190 यानी 67% सीट मिली थीं। इस ट्रेंड से यहां 2019 में भाजपा को करीब 88 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है।
Election Result 2018 Highlights: Rajasthan | Telangana | Mizoram | Madhya Pradesh | Chhattisgarh Election Result 2018
कांग्रेस को हो सकता है इतना फायदा
पांचों विधानसभा में कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए लोकसभा चुनाव की गणना की जाए तो वह काफी मजबूत स्थिति में नजर आती है। लोकसभा चुनाव तुरंत होने पर कांग्रेस को 40 सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। 2013 में इन पांचों राज्यों की लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को महज 6 सीटें ही मिली थीं।
इन राज्यों में क्षेत्रीय दल कांग्रेस के साथ जा सकते हैं
राज्य | सीट | क्षेत्रीय दल |
यूपी | 80 | सपा-बसपा |
महाराष्ट्र | 48 | एनसीपी |
बंगाल | 42 | टीएमसी |
बिहार | 40 | आरजेडी |
तमिलनाडु | 39 | डीएमके |
कर्नाटक | 28 | जेडीएस |
आंध्र प्रदेश | 25 | टीडीपी |
तेलंगाना | 17 | टीडीपी |
झारखंड | 14 | झामुमो |
हरियाणा | 10 | इनेलो |
जम्मू-कश्मीर | 06 | एनसी |
20 राज्यों में 196 सीटों पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ सकती है
कांग्रेस गुजरात, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, असम, ओडिशा, दिल्ली समेत देश के 20 राज्यों में अकेले चुनाव लड़ सकती है। इन राज्यों में 196 लोकसभा सीटें हैं, जबकि वह यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र में गठबंधन कर सकती है।
अन्य दलों को भी मिल सकती है बढ़त
पांचों विधानसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन से कांग्रेस के अलावा अन्य दलों को भी बढ़त मिलने का अनुमान है। माना जा रहा है कि इन पांचों राज्यों की लोकसभा सीटों में से अन्य दल 18 सीटों पर कब्जा कर सकते हैं, जबकि 2013 में उन्हें 14 सीटें ही मिली थीं।
16 राज्यों से 78% सांसद
यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली, हरियाणा समेत जिन 16 राज्यों का आकलन किया है, वहां देश की 422 सीटें आती हैं। यानी 78% सांसद यहीं से आते हैं। इन राज्यों में 2014 में एनडीए को 295 सीटें मिली थीं। इनमें से 266 सांसद भाजपा के हैं, जबकि अन्य 29 सांसद उसके सहयोगी दलों के जीते थे।
20 राज्यों में 196 सीटों पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ सकती है
कांग्रेस गुजरात, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, असम, ओडिशा, दिल्ली समेत देश के 20 राज्यों में अकेले चुनाव लड़ सकती है। इन राज्यों में 196 लोकसभा सीटें हैं, जबकि वह यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र में गठबंधन कर सकती है।
भाजपा के सामने अपने दम पर चुनाव लड़ने की मजबूरी?
2014 में 23 दलों के साथ चुनाव में उतरी भाजपा से 11 दल नाता तोड़ चुके हैं। इन चुनावों में हार के बाद भाजपा अब सहयोगियों को साथ रखने और नए सहयोगी जोड़ने के लिए नरम होगी। राम मंदिर, धारा-370, कॉमन सिविल कोड को लेकर इसी संसदीय सत्र में निर्णायक फैसले पर विचार करेगी। साथ ही, कांग्रेस को पुरानी असफलताओं के लिए कोसने के अलावा अपनी उपलब्धियों को सामने लाने का प्रयास करेगी।