पिछले कुछ सालों के दौरान पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इसके बावजूद कुछ नियमों की बाध्यता और दस्तावेजों की अनिवार्यता की वजह से बहुत सारे लोगों को इसमें असुविधा होती है। खासतौर पर आधार नंबर को कई मुख्य दस्तावेजों से जोड़ने पर जोर दिया जाने लगा था, जिसे लेकर कई शंकाएं मौजूद थीं। तत्काल पासपोर्ट बनवाने के लिए भी आधार नंबर देना अनिवार्य किया गया था। लेकिन आधार के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्थितियां तेजी से बदली हैं और कई मामलों में इसकी अनिवार्यता के नियमों को या तो हटाया गया है, या फिर उनमें ढील दी गई है। इसी क्रम में अब विदेश मंत्रालय ने तत्काल पासपोर्ट जारी करने के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है। खबरों के मुताबिक कानून मंत्रालय से राय लेने के बाद मंत्रालय ने एक नए नियम को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत तत्काल पासपोर्ट बनवाने के लिए आधार नंबर देना जरूरी नहीं होगा। इसमें कोई संदेह नहीं कि पासपोर्ट एक संवेदनशील दस्तावेज है और इसे तैयार करने के पहले गहन जांच के हर पहलू का ध्यान रखा जाना चाहिए। लेकिन तत्काल पासपोर्ट के लिए आधार नंबर की अनिवार्यता को लेकर कुछ हलकों में सवाल उठ रहे थे। इस लिहाज से देखें तो विदेश मंत्रालय की ताजा पहलकदमी पासपोर्ट बनवाने वालों के लिए राहत साबित हो सकती है।
गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में सरकार ने पासपोर्ट जारी करने के संबंध में नया नियम बनाया था, जिसके तहत तत्काल योजना में पासपोर्ट बनवाने और नवीनीकरण के लिए भी आधार नंबर देना जरूरी बना दिया था। लेकिन करीब तीन महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर फैसले में यह साफ किया कि इसे सिर्फ कल्याण योजनाओं में लागू किया जाना चाहिए। तब खासतौर पर बैंक खातों और मोबाइल के सिम को आधार से जोड़ने की अनिवार्यता को खत्म करने की पहलकदमी हुई थी। अब प्रस्तावित नियमों के लागू होने के बाद तत्काल पासपोर्ट बनवाने के लिए आधार के बजाय मतदाता पहचान-पत्र, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, ड्राइविंग लाइसेंस सहित बारह अन्य दस्तावेजों में से किन्हीं दो का भी उपयोग किया जा सकता है। ये पहले की तरह की मान्य होंगे। जाहिर है, आधार कार्ड की संवेदनशीलता और उसके सार्वजनिक होने पर पैदा होने वाले जोखिम के सवालों के मद्देनजर सरकार ने पासपोर्ट के मामले में भी अतिरिक्त सावधानी बरतने का फैसला किया है। लेकिन नए नियम अगर लागू हो जाते हैं तो तत्काल पासपोर्ट तीन दिन में मिलने की अवधि में बढ़ोतरी हो सकती है।
दरअसल, जब से सरकार संचालित कल्याण कार्यक्रमों सहित सरकारी दस्तावेज हासिल करने के ज्यादातर मामलों में आधार की अनिवार्यता लागू की गई थी, तभी से इस पर सवाल उठ रहे थे कि किसी की निजता को जोखिम में डालने की जरूरत क्यों है। इस सवाल ने इसलिए भी ज्यादा तूल पकड़ा कि आधार नंबर और उससे जुड़े ब्योरे लगातार लीक होने की खबरें आ रही थीं और उससे जुड़े जोखिम पर बहस खड़ी हो गई थी। लेकिन सरकार का रुख बता रहा था कि ज्यादातर सेवाओं के लिए आधार की अनिवार्यता बनाए रखी जाए। राष्ट्रीयता की पहचान और विदेश यात्राओं के लिए अनिवार्यता के मद्देनजर पासपोर्ट की अहमियत किसी से छिपी नहीं है। इसलिए इसे बनाने की प्रक्रिया में सावधानी बरतना जरूरी है। इस लिहाज से देखें तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बैंक, मोबाइल सिम के बाद अब तत्काल पासपोर्ट में भी आधार की बाध्यता को खत्म करना इसकी संवेदनशीलता पर उठे सवालों के मद्देनजर एक जरूरी पहल है।