दिल्ली के दंगों से जुड़े मामले में आरोपी उमर खालिद व अन्य छह लोगों की जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। ऐसे में दिल्ली पुलिस की तरफ से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने जमानत का विरोध किया। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रसाद ने बुधवार को भी अपना पक्ष रखा था। फिलहाल एसपीपी अमित प्रसाद की दलीलें पूरी हो गई हैं। मामले पर कड़कड़डूमा कोर्ट में अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी।
जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद व छह अन्य लोगों की जमानत का विरोध करते हुए एसपीपी अमित प्रसाद ने कहा कि गवाहों ने अदालत में बताया था कि उमर खालिद सहित अन्य लोगों के द्वारा हिंसा भड़काने की साजिश रची गई थी। अमित प्रसाद ने आगे कहा कि दिल्ली दंगों के दौरान हथियार, गोली-बारूद सभी घातक चीजों को प्रयोग में लाया गया। इसके चलते जान-माल का नुकसान भी हुआ था।
सुनवाई के दौरान अमित प्रसाद ने कहा दिल्ली दंगों की साजिश में देश की एकता, अखंडता सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा पैदा किया गया। साथ ही पीठ को सूचित करते प्रसाद ने कहा कि – हमारे पास वह गवाह भी हैं जिन्होंने बताया कि आरोपी ने कहा था कि मुसलमानों के लिए अलग देश बनाना है। इसमें कोई अस्पष्टता नहीं है।
एसपीपी अमित प्रसाद ने कहा कि दिल्ली दंगों में गोली, पेट्रोल बम, घातक हथियार और वह सब किया गया जिसके चलते उमर खालिद पर UAPA लगाया गया है। इस मामले में जो भी किया गया वह देश की संप्रभुता के लिए खतरा पैदा करने के लिए था। वहीं दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में आरोपी आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को लेकर भी अमित प्रसाद ने कई दावे किए।
ताहिर हुसैन को लेकर एसपीपी अमित प्रसाद ने दावा करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस को ऐसे सबूत मिले हैं कि “ताहिर हुसैन ने हिंसा भड़काने के लिए वाइट मनी को ब्लैक मनी में बदल रहा था।” अक्सर हम ऐसा नहीं सुनते हैं लेकिन इसके सबूत हैं। याद दिला दें कि पिछली सुनवाई में अमित प्रसाद ने दिल्ली दंगों की तुलना अमेरिका के 9/11 हमले से की थी। साथ ही कहा कि इस हिंसा के लिए लोगों को ट्रेनिंग दी गई थी जैसे अमेरिका में हुए हमले के दौरान आतंकियों को दी गई थी।
बता दें कि, दिल्ली दंगों में 50 से ज्यादा मौतें हुई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। साथ ही कई जगहों पर आगजनी और पथराव की घटनाएं भी हुई थी। इस हिंसा में उमर खालिद के अलावा कई लोगों पर UAPA यानी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी।