ओडिशा के कटक से बीजू जनता दल के टिकट पर जीते सांसद भर्तृहरि माहताब के खिलाफ उनकी बहू साक्षी की शिकायत पर भोपाल पुलिस ने दहेज उत्पीड़न समेत कई मामलों में केस दर्ज किया है। बहू का आरोप है कि पिता ने शादी में ढाई करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर दिए, उसके बाद भी नेता जी संतुष्ट नहीं है।
इसको लेकर कई बार परिवार और रिश्तेदारों के माध्यम से मामले में सुलह-समझौते की कोशिश की गई। बात नहीं बनने पर मामला कोर्ट तक पहुंचा, वहां से दंपति को साथ रहने का निर्देश दिया गया, लेकिन ससुराल पक्ष उसको भी नहीं माना। इसके बाद परेशान होकर बहू ने ससुर और परिजनों के खिलाफ मायके में दहेज उत्पीड़न समेत कई धाराओं में केस दर्ज करा दिया।
भोपाल के महादेव परिसर निवासी साक्षी की शादी 2016 में धूमधाम से ओडिशा के कटक से बीजू जनता दल के सांसद भर्तृहरि माहताब के बेटे लोकरंजन के साथ हुई थी। पति लोकरंजन दिल्ली में रहते हैं और पेशे से कारोबारी हैं। बताया जा रहा है कि शादी में साक्षी के पिता ने ढाई करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए थे। आरोप है कि शादी के बाद ससुराल पहुंचते ही साक्षी को परेशान किया जाने लगा।
कई बार आपस में बातचीत कर सबकुछ घर के अंदर ठीक करने की कोशिश की गई, लेकिन ससुराल वाले संतुष्ट नहीं हुए। रिश्तेदारों की भी मदद ली गई, उससे भी कुछ नहीं हुआ। परेशान होकर साक्षी शादी के कुछ ही दिन बाद मायके भोपाल चली आई।
इसके बाद भी उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो कोर्ट की शरण ली। वहां से निर्देश मिला कि दंपति साथ में रहें, लेकिन आरोप है कि ससुराल पहुंचते ही साक्षी को वापस कर दिया गया। वह सांसद ससुर के दिल्ली स्थित सरकारी आवास एबी-94 शाहजहां रोड पहुंची तो वहां गेट से ही भगा दिया गया।
थक हार कर वह मायके भोपाल लौट आई और महिला थाने में ससुर सांसद भर्तृहरि माहताब, सास महाश्वेता देवी, पति लोकरंजन के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में दहेज उत्पीड़न, अमानत में खयानत और जान से मारने की धमकी का केस दर्ज करा दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
दिन पत्नी महाश्वेता और बेटे लोकरंजन के खिलाफ भोपाल के महिला थाने में दहेज प्रताड़ना, अमानत में खयानत और जान से मारने की धमकी का केस दर्ज हुआ है। पुलिस ने ये कार्रवाई भोपाल में रहने वाली उनकी बहू की शिकायत पर की है। महादेव परिसर निवासी साक्षी की दिसंबर 2016 में लोकरंजन से शादी हुई थी। साक्षी के पिता ने शादी में ढाई करोड़ रु. खर्च किए थे। आरोप है शादी के बाद से साक्षी को परेशान किया जाने लगा तो वह मायके आ गई थी। अदालत ने भी दंपती को साथ रहने के निर्देश दिए, जिसे ससुराल पक्ष ने नहीं माना।