आज वायु प्रदूषण हमारे जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। डब्लूएचओ ने वायु प्रदूषण को धूम्रपान और नुकसानदेह आहार के बराबर माना है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के नकारात्मक प्रभाव पर अपनी संशोधित रिपोर्ट में डब्लूएचओ ने साफ तौर पर कहा है कि वायु प्रदूषण मानव जीवन के सबसे बड़े पर्यावरणीय खतरों में से एक है, जिससे हर साल सत्तर लाख लोगों की अकाल मृत्यु हो रही है और हर साल लाखों लोगों के स्वास्थ्य के प्रभावित होने का अनुमान है। डब्ल्यूएचओ ने औसत वार्षिक पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 स्तर के लिए अनुशंसित सीमा को दस माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से घटा कर पांच कर दिया है। इसने पीएम 10 के लिए अनुशंसित सीमा को बीस माइक्रोग्राम को घटा कर पंद्रह कर दिया है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार ‘पीएम मुख्य रूप से परिवहन, ऊर्जा, घरों, उद्योग और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में र्इंधन के दहन से उत्पन्न होता है।’ दुनिया भर की तमाम हालिया रिपोर्टों के मुताबिक दुर्भाग्य से भारत उन देशों की सूची में ऊपरी पायदान पर है, जहां हवा जीने लायक नहीं है। एयर क्वालिटी रिपोर्ट, 2020 के मुताबिक दुनिया के सबसे प्रदूषित तीस शहरों में से बाईस भारत में हैं। इतना ही नहीं, दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष पर है। यकीनन यह रिपोर्ट डराती और आगाह करती है कि अगर वायु की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए हम जल्द ही नहीं चेते, तो स्थिति और भयावह हो जाएगी।
’गौतम एसआर, भोपाल
पलटीमार नेता
नवजोत सिंह सिद्धू जबसे राजनीति में आए हैं, नई-नई जोत जला रहे हैं। कभी भाजपा में जाते हैं तो कभी कांग्रेस में आते हैं और वहां उठापटक में लग जाते हैं। कभी कप्तान अमरिंदर सिंह की कुर्सी छीनते हैं, तो कभी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद हथिया लेते हैं। अब कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ फिर से नया राग अलापने में लग गए हैं कि मैं समझौता नहीं कर सकता। अब लग रहा है, वे नए मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी से भी खुश नहीं हैं और शायद खुद ही मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं। देखना यह है कि विघ्नसंतोषी नवजोत सिद्धू मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए और कितने रंग बदलते हैं या फिर बैरंग होकर किसी और पार्टी का दामन थामने की जुगत में लग जाएंगे या टीवी शो में फिर ताली ठोंकने में लग जाएंगे।
’महेश नेनावा, गिरधर नगर, इंदौर</p>
प्रशंसनीय पहल
कोरोना से मृत लोगों के परिजनों को मुआवजा देने के केंद्र सरकार के कदम की तारीफ करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत ने जो किया है, कोई अन्य देश नहीं कर पाया है। अच्छे कामों की प्रशंसा होनी ही चाहिए। निस्संदेह, चाहे केंद्र की सरकार हो या राज्य की, उनका एक ही पवित्र उद्देश्य होना चाहिए कि जनता को हर तरह से माकूल सुख-सुविधा मिले, ताकि जनता खुशहाल हो। कोई भी राष्ट्र असली तरक्की जब तक नहीं कर सकता तब तक जनता की सुध लेने वाली श्रेष्ठ सरकार न हो। सुप्रीम कोर्ट की तारीफ इस बात का द्योतक है कि कोरोना से बदहाल हुए लोगों के आंसुओं को पोंछने का काम केंद्र सरकार अच्छे से कर रही है।
’हेमा हरि उपाध्याय, उज्जैन