अतिरिक्त आत्मविश्वास में डूबी भारतीय क्रिकेट टीम ने प्रशंसकों को काफी निराश किया। विश्व क्रिकेट में भारतीय खिलाड़ियों का रुतबा तो जगजाहिर है, जितनी प्रशंसा भारतीय खिलाड़ियों की होती है, वैसी अन्य देशों के खिलाड़ियों को कम ही नसीब है। इसका मतलब है कि भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन बहुत अच्छा है, और वे हर फार्मेट में बेहतर विकल्प के रूप में उभर कर आते हैं। अभी हाल ही में दुबई में आयोजित आईपीएल में इन खिलाड़ियों का जज्बा चरम पर था, इनके प्रशंसकों का उत्साह इनके बल्ले से निकलने वाले चौके-छक्के को देखते ही दुगना हो जाता था। अब किसी के भी मन में यह विचार आना स्वाभाविक है कि पाकिस्तान, जो भारतीय क्रिकेट टीम के सामने हमेशा औसत ही रहा, उसने टी 20 विश्व कप के मैच में करारी हार का तोहफा कैसे दे दिया।

विश्व के श्रेष्ठ क्रिकेट खिलाड़ियों में शामिल रोहित शर्मा, केएल राहुल जैसे दिग्गजों का आसानी से विकेट गवाना किसी को भी रास नहीं आया, कैप्टन विराट कोहली के अलावा अन्य कोई भी खिलाड़ी की मन:स्थिति इस मैच में अच्छी नहीं रही। खेल में हार-जीत आम बात है, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों का विपरीत प्रदर्शन देश की छवि के साथ न्याय नहीं कर पा रहा है। ऐसी बात भी नहीं कि भारतीय क्रिकेट टीम दुबई के क्रिकेट ग्राउंड से परिचित नहीं है। बीते कुछ महीनों से हमारे खिलाड़ी आईपीएल के लिए दुबई के ही अनेक मैदानों में पसीना बहाते रहे हैं। अब भारत पाकिस्तान के इस मैच से यह समझना मुश्किल नहीं कि भारतीय क्रिकेट दल में कोई न कोई मतभेद जरूर है। आगे देश की छवि धूमिल न हो, इसलिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड को खिलाड़ियों के साथ मिलकर उनकी समस्या का समाधान करना चाहिए, जिससे इस मैच ओर आने वाले मैचों के लिए क्रिकेट के विशेषज्ञों को निर्णय करने में आसानी हो सके!
’शुभम दुबे, इंदौर, मध्यप्रदेश

पाक की बौखलाहट

टी-20 (विश्वकप) क्रिकेट मैच अनेक बार हार कर क्या जीत लिया पाकिस्तान ने कि उसके प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों बौखलाने लगे। इमरान खान कह रहे हैं कि भारत से मैच जीतने के बाद अभी ऐसी स्थिति नहीं है कि उससे बातचीत की जाए। उनसे पूछो कि बहत्तर सालों में उससे बात करने का कूटनीतिक दृष्टि से सही समय आया ही कब। उनके गृहमंत्री ने कहा कि यह दुनिया में एक धर्मविशेष की जीत है। मैच में कौन-सी धर्म विशेष की बात आ गई। हमारा देश तो वैसे ही धर्मनिरपेक्ष है। सऊदी अरब गए इमरान खान इन्वेस्टर्स मीटिंग में, तो उनका वहां कश्मीर राग अलापने की क्या तुक? लगता है कश्मीर का भूत नींद में भी आकर उन्हें सताता होगा।
’महेश नेनावा, इंदौर

आरक्षण का झुनझुना

आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में महिलाओं के आरक्षण की बात कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कर रही हैं। मगर हकीकत यह भी है कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब संसद में महिला आरक्षण बिल पास नहीं हो पाया। आज कांग्रेस महिलाओं को अधिक से अधिक विधानसभा में टिकट देने की घोषणा कर चुकी है, लेकिन आश्चर्य इस बात का होता है कि जब लंबे समय तक कांग्रेस उत्तर प्रदेश में शासन कर रही थी, तो महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई हासिए पर थी। सवाल इस बात का उठता है कि सत्ता से दूर होने के बाद आज कांग्रेस अपना पुराना सिंहासन पकड़ना चाहती है, लेकिन वह इतना आसान नहीं है। अब देश की जनता और राज्य के मतदाता अच्छी तरह से जागृत हो चुके हैं। वे अपने अधिकारों के विषय में भी जानते हैं और राजनीतिक दलों की लड़ाई को भी समझ चुके हैं।
’विजय कुमार धानिया, नई दिल्ली