भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India : RBI) ने गुरुवार (10 फरवरी, 2022) को ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर (e-Rupi Voucher) की सीमा को 10,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया। साथ ही लाभार्थियों को कई सरकारी स्कीम्स के डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन की सुविधा के लिए इसके कई बार इस्तेमाल की इजाजत दे दी।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक, ‘‘लाभार्थियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के डिजिटल वितरण की सुविधा देने के लिए सरकारों द्वारा जारी किए गए ई-रूपी वाउचर की सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति वाउचर करने और ई-रूपी वाउचर के कई बार उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव है।’’

दास ने कहा कि विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों द्वारा अन्य उपयोग के मामलों पर सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जुलाई में ई-रूपी की पेशकश की थी, और कहा था कि वाउचर-आधारित प्रणाली देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाएगी।

जानिए ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर को: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India : NPCI) की ओर से विकसित ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर को अगस्त 2021 में पेश किया गया था। तब इसे एक खास व्यक्ति और खास मकसद के लिए 10,000 रुपये के ‘कैशलेस वाउचर’ के रूप में जारी किया गया था। इसे सिर्फ एक बार भुनाने की सुविधा थी।

“Cryptocurrency वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा”: इस बीच, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने साफ किया कि प्राइवेट क्रिप्टो करंसी को आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा है। उनके मुताबिक, इन मोर्चों पर चुनौतियों से निपटने की उसकी क्षमता इससे कमजोर होती है। गवर्नर ने इसके अलावा निवेशकों को आगाह किया और आगे कहा- ऐसी संपत्तियों में कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है, यहां तक ​​कि एक ‘ट्यूलिप’ (‘ट्यूलिप उन्माद’) के बराबर भी नहीं।

‘RBI जल्द डिजिटल उधारी के बारे दिशानिर्देश लाएगा’: उधर, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा है कि केंद्रीय बैंक जल्द ही डिजिटल कर्ज पर दिशा-निर्देश लाएगा। राव ने मौद्रिक नीति के ऐलान के बाद प्रेस से कहा, ‘‘आरबीआई को आम लोगों से सुझाव मिले हैं। हम उन सुझावों के आधार पर दिशानिर्देश (डिजिटल उधारी के) तैयार करेंगे। काम फिलहाल प्रगति पर है। जल्द ही इसे (दिशानिर्देश) जारी किया जाएगा।’’