Budget 2024 Update: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को अंतरिम बजट पेश करने वाली है। इस बजट से मध्यम वर्ग, किसानों, महिलाओं और श्रमिकों को काफी उम्मीदें हैं। वहीं अंतरिम बजट पेश होने से एक दिन पहले बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को ‘‘सी2+50 प्रतिशत’’ फॉर्मूले के आधार पर फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का अपना वादा पूरा करने को कहा। इस फॉर्मूले में उत्पादन की व्यापक लागत को ध्यान में रखा जाता है।
किसान संगठनों के प्रमुख निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में पीएम किसान सम्मान निधि को ‘धोखा’ बताते हुए कहा कि इसका मतलब किसानों को एमएसपी के उनके उचित अधिकार से ‘इनकार’ करना है। बयान के मुताबिक, योजना के तहत 6,000 रुपये दिए जाने के बावजूद एमएसपी गणना फॉर्मूला नहीं बदले जाने से किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
वादा नहीं हुआ पूरा तो बीजेपी को वोट नहीं देंगे किसान
अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो किसान लोकसभा चुनाव 2024 में ‘‘भाजपा को वोट नहीं देने’’ की घोषणा करेंगे। संगठन ने आगे कहा कि 2023-24 के लिए धान का मौजूदा एमएसपी 2,183 रुपये प्रति क्विंटल है जो ए2+एफएल फॉर्मूले पर आधारित है। इस फॉर्मूले में किसान द्वारा वहन की गई लागत और परिवार के श्रम का मूल्य शामिल है।
हालांकि एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता वाले किसान आयोग की 2006 की सिफारिश के अनुसार, सी-2 का अर्थ व्यापक लागत है। इस फॉर्मूले के हिसाब से 2023-24 के लिए धान का एमएसपी 2,866.5 रुपये प्रति क्विंटल होगा। बयान के मुताबिक, ‘‘इस राशि की तुलना में ए-2+एफएल कीमत 683.5 रुपये प्रति क्विंटल कम है।’’
किसान संगठन के अनुसार, अगर केंद्र सरकार धान की औसत उत्पादकता 25 क्विंटल प्रति एकड़ और खरीद के साथ मंडी प्रणाली को ध्यान में रखते हुए सी2+50 प्रतिशत पर एमएसपी लागू करती है तो पंजाब के किसान को 17,075 रुपये प्रति एकड़ का फायदा होगा।’’
दिल्ली की सीमाओं पर 2020-21 के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले किसानों का कहना है ‘‘अगर मोदी सरकार लेखानुदान में सभी फसलों की खरीद के साथ सी2+50 प्रतिशत पर एमएसपी घोषित करने के लिए तैयार नहीं है, तो किसान आम चुनावों में बीजेपी को वोट नहीं देने की घोषणा करेंगे।’’ संगठन के अनुसार, भाजपा ने 2014 के अपने चुनावी घोषणा पत्र में ‘सी-2+50 प्रतिशत’ फॉर्मूले के आधार पर एमएसपी प्रदान करने की बात कही थी। अब देखना है कि अंतरिम बजट 2024 में किसानों को क्या लाभ मिलता है।