वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों में मजबूत वृद्धि हासिल करना बेहद जरूरी है। ऐसा होने से गरीबी का मुकाबला किया जा सकेगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वी राज्यों से यह अतिरिक्त वृद्धि आनी चाहिए, जहां पिछले 35 बरस के दौरान अपनाई गई नीतियों से औद्योगिकीकरण बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

वित्त मंत्री ने यहां बंगाल वैश्विक व्यावसायिक सम्मेलन के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए कहा- प्रतिकूल वैश्विक स्थिति के बीच भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.5 फीसद है। उन्होंने पूछा कि क्या एक फीसद अतिरिक्त जोड़ना कठिन है, जबकि इससे हमें गरीबी से संघर्ष करने व रोजगार सृजन में मदद मिल सकेगी। जेटली ने कहा कि देश के संघीय ढांचे के मद्देनजर यह बेहद जरूरी है कि राज्य तेजी से आगे बढ़ें। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, मजबूत राज्यों का मतलब है एक ताकतवर भारत। उन्होंने कहा- पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय जीडीपी में छह से सात फीसद का योगदान करता है। पूर्वी राज्यों की वृद्धि पश्चिमी राज्यों से कम है, ऐसे में अतिरिक्त वृद्धि पूर्वी राज्यों से आनी चाहिए।

पश्चिम बंगाल का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि राज्य में औद्योगिकीकरण पिछले साढ़े तीन दशक के दौरान अपनाई गई नीतियों की वजह से प्रभावित हुआ है। वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन हर साल होते हैं, और इनसे स्पष्ट तौर पर पता चलता है कि समय की जरूरत वृद्धि तेज करना, राजस्व बढ़ाना और गरीबी से लड़ाई है जिसके लिए निवेश की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसी परिप्रेक्ष्य में राज्य जो कि अपनी चमक गंवा चुका है उसे फिर से हासिल किया जाना चाहिए। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि राज्य में निवेश आकर्षित करने के प्रयासों में केंद्र पूरा सहयोग करेगा।

जेटली ने कहा कि अगर बंगाल इस तरह की नीतियां अपनाता है तो वह रोजगार सृजन और गरीबी से संघर्ष कर सकता है। अन्यथा यह सिर्फ खोखले नारों तक सिमट कर रह जाएगा। जेटली ने कहा कि निवेशक बेचैनी से ऐसे वातावरण की उम्मीद कर रहे हैं जिसमें उनके निवेश पर नतीजे मिलें। उन्होंने आगाह किया कि अगर आप निवेश आकर्षित करने की स्थिति में नहीं होंगे, तो निवेश प्रवाह सूख जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सेवा क्षेत्र में सुधार आया है, जबकि विनिर्माण क्षेत्र में भी स्थिति सुधरती दिख रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी प्राथमिकता बुनियादी ढांचे, सामाजिक ढांचे में सार्वजनिक खर्च बढ़ाने तथा ग्रामीण ढांचे में व्यय बढ़ाने की है।

जेटली ने कहा कि केंद्र राज्यों को आर्थिक रूप से सशक्त करने की नीति अपना रहा है। इसी के लिए वह 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों पर सहमत हुआ है। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा हमारे नियमित संपर्क में हैं। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद सभी मुद्दों को तेजी से निपटाया जा रहा है। जेटली लगातार दूसरी बार इस सम्मेलन में शामिल हुए हैं। उनके साथ मंच पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे।

सम्मेलन में रेल मंत्री सुरेश प्रभु, ब्रिटेन की रोजगार मंत्री प्रीति पटेल, भूटान के शेरिंग तोगबे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उद्योगपति मुकेश अंबानी,मोहन दास पै, सुभाष चंद्र सज्जन जिंदल और अन्य लोग मौजूद थे।