
निर्भया के पहले भी हिंसा के ऐसे क्रूरतम मामले हुए थे और बाद भी। 2012 में दिल्ली की सड़क पर…
निर्भया के पहले भी हिंसा के ऐसे क्रूरतम मामले हुए थे और बाद भी। 2012 में दिल्ली की सड़क पर…
जम्मू के कठुआ से लेकर उत्तर प्रदेश के उन्नाव तक जो हुआ उससे दुखद कुछ नहीं हो सकता। लेकिन इन्हीं…
भाजपा सांसद और दलित चिंतक उदित राज का कहना है कि सामाजिक न्याय लाने की दिशा में भारत का बौद्धिक…
धर्म और उसका संदेश समाज के पक्ष में सकारात्मक तरीके से लिया जाए तो उसके अनुयायी बड़ी ताकत को झुका…
अब अपना इख्तियार है चाहे जहां चलें/रहबर से अपनी राह जुदा कर चुके हैं हम…। देवी प्रसाद त्रिपाठी ने राज्यसभा…
भारतीय राजनीति में जब गाय, गीता और गंगा को स्थापित करने की कवायद चल रही थी उस वक्त मध्य प्रदेश…
‘देखिए इसे आप मेरा अहंकार मत समझिए। लेकिन मैं फिर यही कहता हूं कि उपचुनावों के नतीजों को समग्रता में…
साहित्य, समाज और सत्ता के त्रिकोण में एक अहम भूमिका होती है अकादमियों की। देश की आजादी के बाद सत्ता…
‘किसी को प्यार करना/तो चाहे चले जाना सात समुंदर पार/पर भूलना मत/कि तुम्हारी देह ने एक देह का/नमक खाया है…’।…
मेरी हड्डियां/मेरी देह में छिपी बिजलियां हैं/मेरी देह/मेरे रक्त में खिला हुआ कमल…। कवि केदारनाथ सिंह की इन पंक्तियों के…
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक और मकबूल रंगकर्मी वामन केंद्रे का मानना है कि सिनेमा और इंटरनेट से जुड़े मनोरंजन…
श्रीलाल शुक्ल की रचना ‘राग दरबारी’ ने पचास साल पूरे कर लिए हैं। इसके लिखे जाने के समय ही पाठकों…