अनामिका सिंह
इस प्रदर्शनी का विषय ‘ट्री एंड सर्पेंट : अर्ली बुद्धिस्ट आर्ट इन इंडिया’ रखा गया है। प्रदर्शनी में 200-400 ईसा पूर्व की कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा जोकि काफी महत्त्वपूर्ण हैं। खास बात यह है कि पहली बार राष्ट्रीय संग्रहालय द्वारा संगृहीत देश के दस संग्रहालयों से कलाकृतियों को एकत्र कर उसकी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए खुद संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, संस्कृति मंत्रालय की सह सचिव मुग्धा सिन्हा व राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक डा बीआर मणि भी न्यूयार्क जाएंगी।
प्रदर्शनी में राष्ट्रीय संग्रहालय सहित देशभर के दस संग्रहालय की कुल 62 कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। ये दस संग्रहालय हैं, राष्ट्रीय संग्रहालय दिल्ली, भारतीय संग्रहालय कोलकाता, इलाहाबाद संग्रहालय प्रयागराज, फणीगिरि संग्रहालय तेलंगाना, बौद्ध कला संग्रहालय तेलंगाना, पुरातात्विक संग्रहालय अमरावती, नागार्जुनी कोंडा संग्रहालय आंध्र प्रदेश, करीमनगर पुरातात्विक संग्रहालय आंध्र प्रदेश, बिहार संग्रहालय पटना व टाउन हाल संग्रहालय कोल्हापूर। इस प्रदर्शनी में कलाकृतियों के माध्यम से सांची, भरहूत व मथुरा की कला को देखा जा सकेगा।
इन कलाकृतियों में राजा-रानी व राज्य के विशिष्ट लोग किस तरह विहारों में रहते थे इसे देखा जा सकेगा। इसके अलावा प्रारंभिक बौद्ध पूजा चिह्न यथा चक्र, चरण पाद व खाली राज सिंहासन, जातक कथाओं के आधार पर बुद्ध के जीवन का निरूपण, बोधिसत्व का कार्मिक विकास देखा जा सकेगा। सही मायनों में ये कलाकृतियां बौद्ध कला व दर्शन के साथ पारिस्थितिकी को भी अभिचिह्नित करती हैं।