बिना महामारी के भी अर्थव्यवस्था लगातार नीचे जा रही थी, जिसमें गिरावट का दौर 2018-19 की पहली तिमाही में शुरू…
हिंदी में संज्ञा पदों के नाम-निर्धारण की पद्धति का अगर विश्लेषण किया जाए, तो एक बात बहुत स्पष्ट है। अगर…
सत्ता का असमंजस साफ झलकता है। भाजपा के कुछ परिचित प्रवक्ता बहसों में कभी किसानों की चापलूसी करते नजर आते…
हो सकता है कि किसानों की चिंताएं बेबुनियाद हों। हो सकता है, नई निजी मंडियों से उनको लाभ हो, लेकिन…
इस स्तंभ का मकसद किसी पर आरोप लगाना या अपमानित करना नहीं है। मकसद सीधा-सीधा यह सवाल पूछना है कि…
10 जनवरी, 1966..वह दिन जब प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने अपने घरवालों से आखिरी बार बात की थी। वे तब ताशकंद…