बच्चे अपने आप को आधुनिक बताने के चक्कर में सांस्कृतिक मूल्यों को भी ताक पर रख कर अश्लील होते जा…
जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए हम मन, कर्म और वचन के माध्यम से तरह-तरह की क्रियाएं करते…
सड़कों से पेड़ गायब होने लगे हैं। पेड़ काटने वाले भी छाया तलाश रहे हैं।
जीवन नदी में गोते लगाते रहने और उससे निकलते रहने का खेल है।
द्वितीय विश्वयुद्ध में नर्स के रूप में सेवाएं दे चुकीं रेमंड ने दस हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे…
महिलाओं को लेकर एक बहुत आम कहावत है, जो अक्सर मर्दों को कमजोर बताने के लिए उपमा के तौर पर…
अंधेरी सुरंग को पार किए बिना उस पार की रोशनी नहीं मिल सकती, लेकिन हम सुरंग में आगे बढ़ने से…
ग्रामीण इलाके में बचपन बिताए अनेक लोगों की स्मृतियों में गाय, बैल, भैंस जैसे जानवर अधिक प्रभावी रहे हैं।
कहावत भी है कि मेहमान थोड़े ही दिन के अच्छे लगते हैं।
महामारी के दौरान तकरीबन दो साल तक देश का हर नागरिक घरों में बंद रहा।
कुछ कलाकारों का कहना है कि हंसना-हंसाना एक कला भी है और तजुर्बा भी।